Tuesday 6 June 2023

★ पर्यावरण संयुक्त जिम्मेदारी व पर्यावरण दिवस 365 मनाये - सनाढ्य ★ पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या को श्री हरि साहित्य सेवा संस्थान द्वारा आयोजित पर्यावरण संगोष्ठी की गई । पर्यावरण किसी एक व्यक्ति की जिम्मेदारी नहीं होकर हम सभी की संयुक्त जिम्मेदारी है तथा केवल एक दिन पर्यावरण दिवस मनाने से पर्यावरण का संरक्षण नहीं हो सकता है इसके लिए हमे 365 दिन पर्यावरण दिवस मनाना चाहिए । इसके साथ ही पर्यावरण में केवल पेड़ लगाना ही नहीं है । पर्यावरण मे जल, जमीन, वायु, वनस्पति सभी है अतः इनको शुद्ध रखकर ही पर्यावरण संरक्षण होगा, इसके साथ ही पर्यावरण मे हमारे सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक, आध्यात्मिक आवरण भी सम्मिलित है और हमे इसको भी शुद्ध व प्रेममय बनाना होगा । जिससे हम व अन्य जीव सुखी व शांति से रह सकेंगे । यह विचार पर्यावरण दिवस पूर्व संध्या पर आयोजित संगोष्ठी पर सीए. दिनेश चन्द्र सनाढ्य ने रखें । डाँ. लक्ष्मी नारायण आमेटा ने कहा कि हम पर्यावरण पर आन लाईन प्रतियोगिता आयोजित कर रहे है उसमें भी आप भाग लेकर अपनी रचनाएं भेज सकते हो और चयनित प्रविष्टियों को पुरस्कार दिया जायेगा व उनका प्रकाशन "पृथ्वी व हम" पुस्तक मे किया जायेगा । पर्यावरण पर आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता संस्थापक अध्यक्ष सीए. दिनेश चंद्र सनाढ्य, मुख्य अतिथि डॉ. लक्ष्मी नारायण आमेटा पर्यावरणविद् व विशिष्ट अतिथि पीर दान चारण, डॉक्टर राधिका शर्मा, मानसिंह बारहठ, गुप्त सिंह जाटव थे ! इस अवसर पर चिकित्सा, साहित्य व समाज सेवा के क्षैत्र मे कार्य करने वालों का सम्मान किया । महेश चन्द्र महावार(चिकित्सा एंव समाज सेवा) दिनेश चन्द्र जी सरगरा( समाज सेवा ) शिव लाल जी खिंची (शिक्षा एंव समाज सेवा) श्रीमती शैफाली सोनी(चिकित्सा एंव समाज सेवा) डाँ.राधिका जी शर्मा ( चिकित्सा क्षैत्र) शिवदयाल जी मीणा (जल व्यवस्था) गुप्तसिंह जी जाटव(जल व्यवस्था) भगवती प्रसाद जी शर्मा (शिक्षा एंव समाज सेवा) विश्वास जी नंदवाना (भजन कीर्तन एंव पूजन) कुशुम जी अग्रवाल (बाल साहित्य लेखन) हेमेन्द्र सिंह जी चौहान (पत्रकारिता एंव साहित्य) हिमांशु जी पालीवाल (योग शिविर) अजीत कुमार जी उपाध्याय (वैदिक मंत्र एंव धार्मिक) बख्तावर सिंह की प्रीतम सरस्वती वंदना के साथ यशवंत शर्मा, सुषमा राठोड, चंद्रशेखर नारलोई , कुसुम अग्रवाल , मोहन जी गुर्जर, सुरेन्द्र सिंह जी कविया आदि कवियों ने पर्यावरण पर अपनी रचनाएँ पढी। कार्यक्रम का संचालन पूरण शर्मा ने किया।







































































































 

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