Saturday 17 June 2023

★नेता + अधिकारी + खास (सक्षम) आदमी के लूट का चक्रव्यूह !★ Solution of any Problem is in the root of the Problem. नेता ही है लूट की मूल जड़ या केन्द्र बिन्दु ! आम आदमी (जनता) इसी कारण है शोषित या लूट से पिडित ! (१) नेता को "चुनाव जीतने के लिए" पैसा चाहिए और वह पैसा (चन्दा) से आता है "खास (सक्षम) आदमी से" ! चुनाव जीतने के बाद नेता ही खास (सक्षम) आदमी को सरकारी धन / सम्पत्ति लूटाता है व आम आदमी (जनता) को लूटते देखकर भी चुप रहता है ! (२) नेता "चुनाव जीतने के बाद" स्वयं भी सरकारी धन / आम आदमी (जनता) को लूटता है क्योंकि उसे वापस आगामी चुनाव के लिए धन एकत्र करना है ! नेता को लूटने मे "सहायता करता है अधिकारी" ! इसलिए अधिकारी भी दोनों हाथों से सरकारी धन / आम आदमी (जनता) को लूटते है और नेता चुप रहते है ! (३) नेता चुनाव जीतने के लिए आम आदमी (जनता) को मूर्ख बनाते है ! इसके लिए "मुफ्त की रेवाड़ी" बाँटते है व "धन / शराब" भी बाँटते है ! चुनाव के बाद "मुफ्त की रेवाड़ी" व "धन / शराब" का पैसा टैक्स बढ़ाकर आम आदमी (जनता) से ही वसूला जाता है ! (४) समाधान :- ◆ नेताओं के चुनाव खर्च को समाप्त करे ! चुनाव का सभी खर्च सरकार वहन करें ! ◆ नेता की सम्पत्ति व आय पर पूर्ण नियंत्रण रखें ! उसकी सम्पत्ति व आय पर 24 घण्टे सरकारी निगरानी रहे व सभी निगरानी की गतिविधियाँ प्रतिदिन सार्वजनिक हो ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक आम आदमी #(28) #18/06/23 #dineshapna










 

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