Saturday 24 July 2021

मानस विचारों का वैक्सीन, डोज रोज लेना जरूरी ! रामायण प्रेमयज्ञ माने, प्रेम जरूर समान रुप से बाँटे ! ◆◆◆◆◆◆◆◆◆प्रथम वैक्सीन◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ (१)क्या प्रेम केवल स्वयं से ही करना चाहिए ? उस "अति स्वप्रेम से दूसरों को नुकसान" होता है तो वह प्रेम ज़हर से भी ज्यादा नुकसान देय है ! (२)क्या धीमा जहर बेचकर, उस आय मे से कुछ राशि से भोजन बाँटना "समाज सेवा" है ? (३)क्या सरकार से "जमीन लेकर" उसका प्रतिफल देने के बजाय उस राशि से निर्माण कार्य करने को "समाज सेवा" कहते है ? (४)क्या अप्रत्यक्ष रुप से "श्रीनाथजी की जमीन" लेकर, उसके प्रतिफल को निर्माण कार्य मे लगाना "समाज सेवा" है ? (५)क्या रामायण से प्रेम का ही सन्देश मिलता है ? रामायण प्रथम तो "मर्यादा व त्याग का सन्देश" व बाद मे प्रेम का सन्देश देती है ! (६)प्रेम किससे करना चाहिए ? प्रेम भी "पहले दूसरों से" व बाद मे स्वयं से तथा मूलतः ईश्वर से करना चाहिए ! (७)विचारों की वैक्सीन कौन लगायेगा ? 【गुरु/ज्ञानी/त्यागी/शिष्य】 (८)विचारों की वैक्सीन का असर नहीं होता है तो दोषी कौन ? 【वैक्सीन/गुरु/शिष्य】 (९)विचारों की वैक्सीन असरदार कैसे बनाये ? 【सत्य से/स्पष्टता से/वैक्सीन बदल कर/लेने वाले को बदल कर】 ★प्रथम नव वैक्सीन (रामायण से)★ ◆◆◆◆◆◆◆◆◆द्वितीय वैक्सीन◆◆◆◆◆◆◆◆◆ मानस विचारों का वैक्सीन, डोज रोज लेना जरूरी ! नेताओं व अधिकारियों को कर्तव्य बोध की वैक्सीन ! (१)"नेता" बात करते है जनहित की, किन्तु कार्य करते है "स्वहित" का ! (२)"नेता" आम आदमी के वोट से जीतते है, किन्तु कार्य करते है "खास आदमी" का ! (३)"नेता" बात करते है विकास की, किन्तु काम करते है "स्व व खास व्यक्तियों" के विकास का ! (४)"अधिकारी" बात करते है जनहित की, किन्तु काम करते है "नेताओं/खास आदमी" का ! (५)"अधिकारी" वेतन लेते है आम जनता के टैक्स से, किन्तु केवल "कभी कभी ही सुनते है" आम जनता की ! (६)"अधिकारी" नहीं सुनते है आम जनता की, जब "खास/नेता के द्वारा अतिक्रमण" हो, "खास/नेता के द्वारा अन्याय" हो ! (७)"आम आदमी" परेशान है सरकारी धन की लूट से, सरकारी जमीन पर अतिक्रमण से व नेता/अधिकारियों के भ्रष्टाचार से !【नेता व अधिकारी चुप】 (८)"आम आदमी" परेशान है अधिकारियों के काम नहीं करने व नेताओं के झूठे वादो से ! 【नेता व अधिकारी चुप】 (९)"आम आदमी" परेशान है बिजली कम्पनियों की लूट से, सरकारी ठेका लेने वाली कम्पनियों की लूट से व मिलावट करने वालों की लूट से ! 【नेता व अधिकारी चुप】 ★नेताओं/अधिकारियों के लिए नव वैक्सीन★ 【जरूरी है - दवाई भी, कड़ाई भी】 ◆◆◆◆◆◆◆◆◆तृतीय वैक्सीन◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ मानस विचारों का वैक्सीन, डोज रोज लेना जरूरी ! मठाधीश व अधिकारियों को कर्तव्य बोध की वैक्सीन ! (१)जब वल्लभाचार्य जी स्वयं अपने आप को श्रीनाथजी का सेवक मानते थे, तो कैसे "उनके वंशज" मठाधीश बन गये ? (२)जब सर्वप्रथम श्रीसद्दू पाण्डे जी / बृजवासियों को व बाद मे श्रीवल्लभाचार्य जी को सेवा की साक्षात् आज्ञा की, तो "वल्लभ कुल" उनको निज सेवा से कैसे रोक सकते है ? कैसे बृजवासियों पर साक्षात् आज्ञा के विपरीत स्वयं आज्ञा कर सकते है ? (३)जब श्रीनाथजी ने बृजवासियों को सेवा व सुरक्षा की साक्षात् आज्ञा की, तो "वल्लभ कुल" साक्षात् आज्ञा के विपरीत कैसे बृजवासियों को सुरक्षा के कार्य से हटा सकते है ? (४)जब "अधिकारियों" को 1959 से श्रीनाथजी की सम्पत्तियों की सुरक्षा के लिए रखा, तो इन 62 वर्षों मे कैसे श्रीनाथजी की सम्पत्तियाँ / जमीन हाथ से निकल गई ? (५)जब "अधिकारियों" को धन का सदुपयोग करना है, तो क्यों अच्छे व मजबूत भवनों को तोड़कर पुनः भवन बना कर धन का अपव्यय कर रहे है ? (६)जब "अधिकारियों" को धन / सम्पत्तियों का सदुपयोग करना है तो क्यों गायो, बीड़ो, बगीचों व कृषि भूमि का सदुपयोग नही हो रहा है ? (७)"श्रीसद्दू पाण्डे जी (सनाढ्य)" श्रीनाथजी के प्रथम मुखिया थे तथा जिसने श्रीवल्लभाचार्य जी को श्रीनाथजी से मिलन कराया, किन्तु आज वल्लभ वंशजो ने उनको अपना सेवक मात्र बना दिया ! (८)"बृजवासी" जो श्रीनाथजी के सखा व साथ मे खेलते थे, किन्तु आज वल्लभ वंशज ने उनको मजदूर बना दिया ! (९)"बृजवासियों" व वल्लभाचार्य जी को श्रीनाथजी ने साक्षात् आज्ञा करके सेवा करने को कहा था, किन्तु आज वल्लभ वंशजो ने अपने स्थान पर अन्य से श्रीनाथजी की निजसेवा करवा रहे है ! ★मठाधीश / अधिकारियों के लिए नव वैक्सीन★ 【जरूरी है - दवाई भी, कड़ाई भी】 ◆◆◆◆◆◆◆◆◆चतुर्थ वैक्सीन◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ मानस विचारों का वैक्सीन, डोज रोज लेना जरूरी ! प्राकृतिक संसाधनों, जमीन व धन लूट रोक की वैक्सीन ! (१)प्राकृतिक संंसाधनो (खनिज, रेती, पत्थर) की लूट को सरकार रोकने मे नाकाम होने के साथ लूट मे साथ दे रही है ! (२)प्राकृतिक संंसाधनो (वन, हवा, पानी) के प्रदूषण को प्रभावी रूप से रोकने मे सरकार नाकाम होने के साथ कहीं जगह जानबूझकर चुप है ! (३)प्राकृतिक संसाधनों की लूट केवल सक्षम लोग अपने धन व बाहुबल से सरकार के नेताओं व अधिकारियों से मिलकर कर रहे है जिसका खामियाजा आम आदमी भुगत रहा है ! (४)सरकारी जमीन (बिलानाम, चारागाह, वन विभाग, स्थानीय निकाय, सड़क व अन्य) पर सक्षम लोगों द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है किन्तु सरकारी विभाग / नेता चुप क्यों ? (५)नदी, नाले, तालाब व प्राकृतिक जल स्त्रोतो की जमीनों पर अतिक्रमण हो रहा है किन्तु सरकार / नेता चुप क्यों ? (६)मन्दिर की जमीनों पर अतिक्रमण हो रहा है किन्तु सरकार / नेता चुप क्यों ? (७)सरकारी धन का (चिकित्सा विभाग व अन्य विभागों की खरीद मे) दुरुपयोग कुछ स्थानों पर हो रहा है किन्तु सरकार / नेता / अधिकारी चुप क्यों ? (८)सरकारी धन का (सड़क, फोरलेन, भवन निर्माण, बाँध निर्माण व अन्य निर्माण कार्यों मे) दुरुपयोग कुछ स्थानों पर हो रहा है किन्तु सरकार / नेता / अधिकारी चुप क्यों ? (९)सरकारी धन का ( सरकारी जमीन, सरकारी कम्पनी व स्पेक्ट्रम बेचने मे) दुरुपयोग कुछ स्थानों पर हो रहा है किन्तु सरकार / नेता / अधिकारी चुप क्यों ? ★सरकार / नेताओं / अधिकारियों के लिए नव वैक्सीन★ 【जरूरी है - दवाई भी, कड़ाई भी】 सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #17-18-19-20/07/2021 #21/07/2121 #dineshapna #हिन्दू_जागो








 

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