Chartered Accountant,Social Activist,Political Analysist-AAP,Spritual Thinker,Founder of Life Management, From India, Since 1987.
Saturday 10 July 2021
■अब तो आम जनता जागे !■ ★आम आदमी पार्टी द्वारा बिजली कम्पनियों के सामाजिक अंकेक्षण की माँग★ आम जनता एक ओर बढ़ती बिजली की दरो से तो दूसरी ओर कोरोना से परेशान है । इसलिए आम आदमी पार्टी कोरोनाकाल के दो माह के बिजली बिल माफ करने व 200 यूनिट तक बिजली बिल माफ करने की माँग करती है । इसके साथ ही 8/- से 10/- की बिजली दरो को कम करने की भी माँग करती है । बिजली की दरे बढ़ने का मुख्य कारण भ्रष्टाचार, लापरवाही, बिजली छिजत / चोरी व बिजली कम्पनी का कुप्रबंधन है । इस माँग का ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम जिला अध्यक्ष दिनेश सनाढ्य के नेतृत्व मे जिला कलेक्टर को दिया । ज्ञापन मे 11 बिन्दुओं पर ध्यान आकर्षित करते हुए बताया कि बिजली ज्यादा दरो पर खरीदी जा रही है, बिजली की चोरी हो रही है, पाँच तरह के शुल्क बिलो मे चार्ज किये जाते है, मेन्टीनेन्स का स्टाफ होने के बावजूद ठेके पर कार्य कराया जाता है, व अन्य तरीको से भ्रष्टाचार करने के कारण बिजली की दुगुनी कीमत वसूल की जाती है । इसलिए आम आदमी पार्टी इस बिजली की लूट को खत्म करने के लिए सामाजिक अंकेक्षण की माँग करती है । इस अवसर पर जिला अध्यक्ष दिनेश सनाढ्य, जिला सचिव अमित वर्मा, यूथ अध्यक्ष उदयपुर संभाग पप्पू लाल कीर व रेलमगरा संयोजक युनूस मोहम्मद उपस्थित थे । ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●● श्री अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री, राजस्थान सरकार, जयपुर । विषय :- राजस्थान में बिजली की दरों को उचित स्तर तक नीचे लाने । गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों को मूल जरूरत की बिजली फ्री देने । बिजली महकमे में व्याप्त भ्रष्टाचार को रोकने के लिए ऑडिट रिपोर्ट का पुनरीक्षण करके सामाजिक अंकेक्षण की अनुमति देने के संदर्भ में । महोदय, राजस्थान की बिजली दरें, देश के अन्य किसी भी राज्य के मुकाबले ऊंची हैं। जबकि राजस्थान सस्ती और राज्य की जरूरत से ज्यादा बिजली उत्पादन के लिए जाना जाता है। ज्यादती यह है कि राजस्थान के लोगों की आय दूसरे राज्यों के मुकाबले बहुत कम है। चाहिए तो यह था कि बिजली दरें कम कर के जनता को राहत पहुंचायी जाती लेकिन उल्टे ज्यादा वसूली कर के जनता के साथ क्रूरता दिखायी जा रही है। आम आदमी पार्टी ने समय समय पर पहले भी आग्रह किया कि कोरोना लोकडाउन अवधि के बिजली बिल माफ कर दिए जाने चाहिए क्योंकि उस अवधि में लोग बेरोजगार रहे हैं। कमाई के साधन भी घट गये हैं। हमारी यह भी पुरजोर मांग रही है कि 200 यूनिट तक बिजली फ्री की जानी चाहिए। इससे गरीब जनता को राहत मिलेगी, साथ ही बेकाबू बिजली छीजत यानी चोरी पर भी नियंत्रण हो जाएगा। आदमी पार्टी ने आय और खर्च का हिसाब लगा कर पंजाब में सरकार बनने पर 300 यूनिट तक बिजली माफ करने की घोषणा कर दी है। यह राजस्थान में भी सम्भव है। पर इसके लिए बिजली महकमे के कामकाज को ईमानदार व ट्रांसपेरेन्ट तरीके से देखने की जरूरत है। राज्य सरकार में चल रहे भ्रष्टाचार के सारे चैनल्स को रोकने की जरूरत है। इसके लिए हम आपका ध्यान बिजली महकमे की भ्रष्ट व्यवस्था और उपभोक्ता विरोधी कदमों की तरफ खींचना चाहते हैं। हमें आशा है कि आप तत्काल सुधार के कदम उठायेंगे । वर्तमान में राजस्थान की बिजली दर 7 रुपये प्रति यूनिट से ज्यादा है। अन्य शुल्क व चार्जेज जोड़े दें तो यह दर 10 रुपये से भी ज्यादा हो रही है। राजस्थान अकेला राज्य है जहां हर तरीके से बिजली पैदा की जाती है जैसे पनबिजली, कोयला, गैस, एटॉमिक, विंड और सोलर आदि सभी तरीकों से सस्ती बिजली का उत्पादन होता है। इसके बावजूद आम आदमी अन्य राज्यों की तुलना में अधिक भुगतान करने को मजबूर है। दूसरे राज्य राजस्थान की बिजली खरीद कर अपने उपभोक्ताओं को राजस्थान से सस्ती बिजली दे रहे हैं। यह क्यों और कैसे हो रहा है? इस सवाल का जवाब ढूंढने की जरुरत है। महोदय बिजली वितरण कंपनियों और राज्य सरकार के बीच सांठगांठ के आरोप लगते हैं। जिसके तहत बिजली कम्पनियां अपने खातों में ऊंची दरों पर बिजली खरीद दिखाती हैं। बिजली की चोरी और दूसरे तरीकों से भारी बनावटी घाटा दिखाती हैं। उसके आधार पर राज्य सरकार बिजली की दरें बढ़ाने की अनुमति दे देती हैं। इससे जो वसूली होती है उसकी बंदरबांट की जाती है। इसी तरह छीजत के नाम पर बड़े कारखानों को अवैध तरीके से बिजली चोरी करवाई जाती है। उसकी वसूली अलग से की जाती है। कई राज्यों में इस तरह की जालसाजियां पकड़ी जा चुकी हैं। अतः आम आदमी पार्टी प्रदेश के राज्य के ऊर्जा विभाग, बिजली कम्पनियों व उनके ऑडिटर्स से निम्नलिखित 11 प्रश्नों पर चर्चा करना चाहती है:- (1) बिजली की उपभोक्ता से वसूली जाने वाली दरें और कंपनियों की बिजली खरीद दरें दूसरे राज्यों के मुकाबले ज्यादा क्यूं होती है ? (2) पाँच तरह के अनावश्यक शुल्क (स्थाई शुल्क, फ्यूल चार्ज, विद्युत शुल्क, नगरीय उपकर, अन्य शुल्क) की वसूली क्यों की जाती है? (3) अत्यधिक विद्युत छीजत व विद्युत चोरी रोकने मे असफलता का भार आम आदमी पर क्यों डाला जाता है? (4) विद्युत लाईन मेन्टीनेंस में अनावश्यक भुगतान क्यों? स्टाफ होते हुए ठेकेदारों से काम कराना कहां तक उचित है? (5) कृषि, व्यवसायिक और साधारण नये कनेक्शन या रिकनेक्शन में भ्रष्टाचार और ज्यादा चार्जेज क्यों वसूले जा रहे है ? (6) पुरानी विद्युत लाईनों के बदलने व ट्रांसफार्मर्स लगाने में ठेकेदारों के साथ मिलीभगत से घोटाला क्यों होते हैं ? (7) नई विद्युत लाईनें बिछाने का खर्च तो जोड़ दिया जाता है किन्तु पुरानी एल्युमिनियम तार व पुराने लोहे के खम्भों के बेचने से होने वाली आय खातों में नदारद रहती है ? ऐसा क्यों? (8) आम जनता से मिलने वाली सौर ऊर्जा की बिजली का कोई भुगतान नहीं करना होता इसके बावजूद घाटा कम क्यों नहीं होता ? (9) आम जनता से वर्ष 2017-18 व 2018-19 मे अतिरिक्त जमानत राशि वसूली गई फिर भी महकमे का घाटा ज्यो का त्यों क्यों है? (10) बिजली कम्पनी की ऑडिट रिपोर्ट में घाटा होने के कारणों व उक्त सभी बिन्दुओं पर विस्तृत विवरण क्यों नहीं बताया जाता? (11) बिजली चोरी व खरीद घोटालों के लिए जिम्मेदार अधिकारी / कर्मचारियों की आय व सम्पत्तियों की जाँच क्यों नहीं ? महोदय राजस्थान में बिजली की दरें बढ़ाने से सम्बंधित विस्तृत आडिट रिपोर्ट की कापी उपलब्ध कराई जाये जिससे हमारी आडिट टीम विश्लेषण कर बिजली की दरों की वास्तविकता जनता के सामने रख सके। आम आदमी पार्टी जनहित में मांग करती है कि बिजली कम्पनी के घाटे के विस्तृत कारणों के साथ ऑडिट रिपोर्ट उपलब्ध कराते हुए सामाजिक अंकेक्षण की अनुमति दें । राज्य सरकार और ऊर्जा विभाग यह मांग पत्र मिलने के पंद्रह दिन में अगर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाता है तो आम आदमी पार्टी बिजली विभाग के गैर वाजिब वसूली और भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ जनता के बीच जाएगी और बिल भुगतान बहिष्कार, काटे गए कनेक्शन जनता के द्वारा सीधे चालू करने, धरना, प्रदर्शन जैसे कदम उठाने को मजबूर होगी। जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह राज्य सरकार की होगी। भवदीय जिलाध्यक्ष और पदाधिकारी व कार्यकर्ता प्रतिलिपि: (१) ऊर्जा मंत्री, राजस्थान सरकार, जयपुर (२) अध्यक्ष/ चेयरमैन , जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JVVNL) (३) अध्यक्ष/ चेयरमैन , जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JDVVNL) (४) अध्यक्ष/ चेयरमैन , अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (AVVNL) (५) ऊर्जा विभाग. जन सुनवाई प्रकोष्ठ, राजस्थान सरकार, जयपुर
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