Saturday 24 July 2021

■आम जनता के 20 प्रश्नों का जवाब कौन देगा ?■ ★नेताओं / अधिकारियों की मनमानी कब तक चलेगी ?★ सरकार "नियम" की पालना नहीं करे ! खास आदमी "नियम" को मजाक समझे ! आम आदमी पर "नियम" का डण्डा चले ! अब "ऐसा नहीं चलेगा", जनता जाग गई ! नियम है कि 30 फीट रोड़ छोड़कर ही निर्माण स्वीकृति जारी होती है ! भवन निर्माण की स्वीकृति मे पर्याप्त सेटबैक व पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए ! किन्तु नाथद्वारा नगरपालिका के द्वारा कई स्थानों पर उक्त नियमों की पालना नहीं की जा रही है ! (१)आईकोनिक गेट की निर्माण स्वीकृति मे व हकीकत मे एक ओर 5 फीट व दूसरी ओर 15 फीट सड़क छोड़ी है, जो नियम विरुद्ध है ! (२)माँडल बस स्टैण्ड मे पर्याप्त सेटबैक व पार्किंग की व्यवस्था नहीं है, जो नियम विरुद्ध है ! (३)लालबाग बस स्टैण्ड, मन्दिर की जमीन जो नगरपालिका ने बेची, उसकी निर्माण स्वीकृति मे सेटबैक व पार्किंग की नियमानुसार व्यवस्था क्यों नहीं ? (४)सभी बहुमंजिला ईमारतों की निर्माण स्वीकृति मे सेटबैक व पार्किंग की नियमानुसार व्यवस्था क्यों नहीं ? (५)अधिकत्तर होटलों की निर्माण स्वीकृति मे सेटबैक व पार्किंग की नियमानुसार व्यवस्था क्यों नहीं ? ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●● सरकारी जमीन पर हो रहे अतिक्रमण को रोकने की जिम्मेदारी अधिकारियों व नेताओं की है किन्तु आश्चर्य कि अतिक्रमण मे मौन स्वीकृत या अनदेखी भी इन्हीं के द्वारा की जाती है ! हाईकोर्ट ने PLPC गठित करके अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया ! (६)नाथद्वारा विधायक ने तेलियो के तालाब क्षैत्र पर अतिक्रमण की सूची बनाने के लिए कहा है, अच्छा है ! किन्तु सूची बनाकर अतिक्रमण हटाने व सूची सार्वजनिक करने की जरूरत है ! (७)तेलियो के तालाब की के साथ नाथूवास व सिंहाड़ तालाब पर हो रहे अतिक्रमण व उसको हटाने की भी सख्त जरूरत है ! (८)नाथद्वारा विधायक के द्वारा जोनल प्लान के तहत रोड़ नेटवर्क के काम होने की बात की, जो अच्छा है ! किन्तु जो वर्तमान रोड़ पर अतिक्रमण है, उसे हटाने की जरूरत है ! (९)विधायक जी के कहते ही, अधिकारी द्वारा पानी के नाले पर से अतिक्रमण हटाना, अच्छा है ! किन्तु छ: माह पूर्व हाईकोर्ट का आदेश है कि नाथूवास व सिंहाड़ तालाब से अतिक्रमण हटाये, उसका क्या हुआ ? इस अतिक्रमण को हटाने की जरूरत है ! (१०)नाथद्वारा विधायक / अधिकारी का अतिक्रमण के विरुद्ध बोलना व उसे हटाना सराहनीय कदम है, धन्यवाद ! किन्तु अतिक्रमण १००% हटे व "आम व खास" दोनों का निष्पक्षता से हटे ! यह हमें देखना है ! (कथनी व करनी मे फर्क देखें ?) ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●● सरकारी जमीन (●बिलानाम की, ●चारागाह की, ●वन विभाग की, ●नगरपालिका की, ●पीडब्ल्यूडी की व ●अन्य विभागों की) होती है ! जिसकी प्रथम जिम्मेदारी सम्बंधित विभाग के अधिकारियों की व अन्तिम जिम्मेदारी कलेक्टर की होती है तथा नैतिक जिम्मेदारी विधायक की होती है ! किन्तु हकीकत मे कोई भी अपनी जिम्मेदारी पूर्ण ईमानदारी से नहीं निभा रहा है ! क्या सभी दिखावा मात्र कर रहे है ? यदि कुछ करना चाहते है तो निम्न कार्य करें :- (११)सभी विभाग अपने अपने विभागों की जमीनों पर हुए अतिक्रमण की सूची बनाये ! (अतिक्रमणकारी का नाम, जमीन का विवरण, कब से अतिक्रमण है, कितना निर्माण हुआ) (१२)इसके अलावा नदी, तालाब, नालो व प्राकृतिक जल प्रवाह क्षैत्र के अतिक्रमण को प्राथमिकता से हटाये क्योंकि इसके लिए हाईकोर्ट का आदेश है ! (१३)उक्त अतिक्रमण की सूची को सार्वजनिक करें ! (१४)हाईकोर्ट के निर्णय के अनुसार PLPC गठित करके सभी अतिक्रमण को हटाये ! यदि हाईकोर्ट के आदेश की पालना नहीं करते है तो उसे वेतन लेने का नैतिक अधिकार नहीं है ! (१५)नाथद्वारा मे शिकायत के आधार पर CEO, SDM व आयुक्त ने अतिक्रमण हटाये, उसके लिए वह बधाई के पात्र है किन्तु इससे पूर्व अतिक्रमण की कई शिकायतें की गई, उन पर कार्यवाही क्यों नहीं हुई ? उस समय तुरन्त कार्यवाही नहीं होने के कारण अतिक्रमण को बढावा मिला, उसके लिए कौन जिम्मेदार व दोषी को क्या सजा होनी चाहिए ? ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●● संविधान के आर्टिकल 21, 48A, 51A के अनुसार नदी, नाले, तालाब व वन को बचाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है तथा हाईकोर्ट ने अब्दुल रहमान केस मे 15/08/1947 की स्थिति कायम रखने का आदेश दिया ! इसके बावजूद नदी, नालो, तालाब व वन भूमि पर अतिक्रमण हो रहे है ! किन्तु हकीकत मे राज्य सरकार, नेता व अधिकारी किसी को भी कानून, सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट का डर नहीं है और खुले आम उनके आदेशों की धज्जियाँ उडा रहे है ! (१६) Collector सा. को 20/08/2020 को सिंहाड़ व नाथूवास तालाब से 3 माह मे अतिक्रमण हटाने का हाईकोर्ट का आदेश दिया, किन्तु पालना नहीं हुई ! (१७)SDM सा. को PLPC गठित करके 3 माह मे सिंहाड़/नाथूवास तालाबों से अतिक्रमण हटाने के लिए कहा, किन्तु 10 माह बाद गुल्या तालाब से एकमात्र अतिक्रमण हटाया ! (१८)आयुक्त सा. को सुखाडिया नगर, नाथद्वारा से 2 वर्ष पूर्व अतिक्रमण हटाने के लिए कहा व जानकारी मे भी है, तो भी कोई कार्यवाही न करके अतिक्रमण करने दिया ! (१९)CEO सा. नाथद्वारा मे अतिक्रमण हटवाने मे सहयोग कर रहे है, किन्तु मन्दिर मण्डल की जमीनों (बड़ा मगरे के नीचे की जमीन, लालबाग बस स्टैण्ड की जमीन) पर चुप्पी क्यों ? यह अतिक्रमण कब हटायेंगे ? (२०)"व्यक्ति अतिक्रमण" करें तो उसे नगरपालिका हटाने पहुँच जाती है, किन्तु जब "नगरपालिका स्वयं अतिक्रमण" करके पट्टे जारी करें तो उसे कौन हटायेगा ? जैसे - लालबाग बस स्टैण्ड की जमीन, बडा मगरे के निचे की जमीन, सिंहाड़/नाथूवास तालाब की जमीन आदी ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #11-12-13-14/07/2021 - 17/07/2021 #dineshapna

 












No comments:

Post a Comment