Sunday 7 March 2021

★★होली की धमार - ७★★ व्यक्ति "मूल" को भूलकर, "बाद" को ही सत्य/मूल मानने लगता है,जो सही नहीं है ! हमें "मूल" को भी महत्त्व देना चाहिए !"ईश्वर" को भूलकर भौतिक वस्तु देने वाले को ही दाता समझने लगता है ! उसी प्रकार "स्त्री", "नीव", "संस्कृति", "धर्म", "आजादी के बलिदानी" को भूलकर हम पुरुष, कंगूरों, आधुनिकता, अधर्म व आजादी के वक्ताओं को ही सत्य/सही मानना सही नहीं है ! हम पुष्टि मार्ग के मूल स्त्रोत "बृजवासियों" को भूलकर, अन्य (वंशजों/बोर्ड सदस्यों/नेताओं/अधिकारियों) को ही मूल मानना व "बृजवासियों" की अनदेखी करना सही नहीं है ! जयश्रीकृष्ण ! बुरा मत मानो होली है ! ★महिला दिवस की शुभकामनाएं !★ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #08/03/2021 #dineshapna








 

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