Chartered Accountant,Social Activist,Political Analysist-AAP,Spritual Thinker,Founder of Life Management, From India, Since 1987.
Tuesday 16 March 2021
★हिन्दू मन्दिरो को सरकारी नियंत्रण से मुक्ति अभियान★ (1) धर्मनिरपेक्षता के नाम पर धोखा :- हमारा देश तथाकथित रूप से एक धर्मनिरपेक्ष देश है। लेकिन हमने हर बार देखा है कि इस धर्मनिरपेक्षता की कीमत हिंदू समाज को हमेशा भारी पड़ती है। लेकिन सिर्फ हिंदू समाज ही नहीं हिंदू देवी देवताओं के स्थल अर्थात मंदिर भी इस धर्मनिरपेक्षता की बलि चढ़ रहे हैं। हकीकत मे मुद्दा यह है कि जिस तरह पूरे देश में गुरुद्वारे, मस्जिद और चर्च क्रमश: सिख, मुस्लिम और ईसाई समुदाय के द्वारा संचालित किए जाते हैं, वहीं दूसरी ओर हिंदू मंदिरों पर सरकारों का कब्जा है। जो कहाँ तक सही हैं ? (2) सरकार धर्मनिरपेक्षता का मखौल उड़ा रही है :- सरकार के द्वारा हिन्दू मन्दिरों व हिन्दू धर्म के प्रतिकूल तीन महत्त्वपूर्ण कानून बनाये गये - (i) देश मे "हिन्दू धर्म दान एक्ट, 1951" मे (इस एक्ट से राज्य सरकार को अधिकार दिया कि वो किसी भी मन्दिर को अपने अधीन कर सकते है।) इसे आन्ध्रप्रदेश सरकार ने लागू किया । (ii) देश मे "पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991" (यह 15 अगस्त 1947 तक अस्तित्व में आए हुए किसी भी धर्म के पूजा स्थल को एक आस्था से दूसरे धर्म में परिवर्तित करने और किसी स्मारक के धार्मिक आधार पर रखरखाव पर रोक लगाता है।) (iii) मध्यप्रदेश मे "मध्यप्रदेश विनिर्दिष्ट मन्दिर विधेयक, 2019" (छ: बड़े मन्दिरो की व्यवस्थाओं के संचालन मे बदलाव हेतु कानून तथा इस कानून मे कभी भी किसी भी विशेष मन्दिर को केवल एक नोटिफिकेशन से जोड़ सकते है।) इसे मध्यप्रदेश मे लागू किया गया । उक्त तीनों कानून भारतीय संविधान की प्रस्तावना के मूल धर्मनिरपेक्षता के विरुद्ध है तथा सरकार द्वारा संविधान के विरुद्ध जाकर कानून बनाये गये । (3) संविधान के विरुद्ध जाकर हिन्दू विरुद्ध कानून क्यों बनाए ? :- (i) क्योंकि हिन्दू संगठित होकर विरोध की आवाज नही उठाते है इसलिए सभी (सरकार व अन्य) हिन्दुओं पर अत्याचार करते है। (ii) क्योंकि हिन्दू सामुहिक असर व दीघँकालीन प्रभाव को नहीं देखते है, केवल व्यक्तिगत लाभ व अल्पकालीन फायदा देखते है, इसलिए हिन्दू विरोधी कानून सरकार द्वारा बनाये जाते है। (iii) क्योंकि आजादी के बाद ज्यादातर समय हिन्दू विरोधी मानसिकता की सरकार रही है। किन्तु कुछ हिन्दू उसी सरकार का समर्थन कर रही है, इसलिए चुप है। (4) हिन्दू मन्दिरों को कैसे बचाये ? :- (i) सभी हिन्दू मन्दिरो को बचाने के लिए एकजुट हो ! अपने धर्म को राजनीति से ऊपर समझे ! (ii) हिन्दू सही को सही कहना शुरू करें ! गलत के विरुद्ध आवाज उठाये ! (iii) देश के सभी मन्दिरो को संगठित करें ! कमजोर आर्थिक स्थिति वाले मन्दिरो को सक्षम मन्दिर सहायता करे ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #16/03/2021 #dineshapna
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