Saturday 9 July 2022

श्रीनाथजी के सेवक से मन्दिर के मठाधीश कैसे बने ? श्रीनाथजी के सखा को बन्धुआ मजदूर कैसे बनाया ? (१)बृजवासियों के लिए श्रीकृष्णजी ने दूसरी बार "निस्वार्थ प्रेम व आत्मसमर्पण" के कारण श्रीनाथजी के रुप मे "पाषाण मूर्ति" रुप मे अवतार लिया, किन्तु "निस्वार्थ प्रेम व आत्मसमर्पण की भक्ति से भगवत्व प्राप्ति" आमजन को बताने व पूजा पद्वति के लिए श्रीवल्लभाचार्य जी को श्रीनाथजी ने नियुक्त किया ! (२)श्रीवल्लभाचार्य जी ने "निस्वार्थ सेवा व आत्मसमर्पण" के साथ श्रीनाथजी की सेवा की बात कही थी, किन्तु उनके वंशज "सस्वार्थ सेवा व स्वहित" के साथ भी सेवा नहीं कर रहे है, जबकि बृजवासी "सखा भाव से बिना आर्थिक फायदे की आशा" मे सेवा कर रहे है ! (३)बृजवासी आज भी "सखा भाव" से सेवा कर रहे है, तब भी मठाधीश ने उन्हें "सेवा वाले सेवक" व मन्दिर मण्डल ने "बन्धुआ मजदूर" बना दिया है ! इसके विपरीत मठाधीश "सेवक / पुजारी" से "स्व घोषित महाराज" बन गये व वर्तमान मे तो श्रीनाथजी की सम्पत्तियां हथिया कर "मठाधीश" बन बैठे है ! हकीकत यहाँ से भी आगे की है कि श्रीनाथजी की सम्पत्तियों को दोनों हाथों से लूटा रहे या लूटते हुए देखकर भी चुप है ! (जबकि श्रीवल्लभाचार्य जी ने केवल सेवा भाव से श्रीनाथजी की सेवा करने को कहा था !) (४)बृजवासियों को आज भी सेवा के बदले केवल भोजन व जीने की सुविधा मिलती है जो आजकल की न्यूनतम मजदूरी से भी कम है, जबकि मठाधीश / सरकारी अधिकारियों को लाखों रुपये मिलते है ! मठाधीश तो इससे भी ज्यादा बिना काम के वेतन लेते है और सेवा कार्य मे चखने के नाम पर मिलने वाले प्रसाद को भी बेचकर पैसा कमा रहे है ! (५)मेवाड़ महाराणा जी ने 562 सम्पत्ति श्रीनाथजी (नाबालिग) को दी व वैष्णवों ने भी सम्पत्तियां व धन श्रीनाथजी को दी, तो उसको मठाधीश / मन्दिर मण्डल / सरकारी अधिकारी उसकी सुरक्षा क्यों नहीं कर पा रहा है ? हकीकत मे उक्त सम्पत्तियों/धन मे से कुछ को लूटा या लूटाया जा रहा है या इस लूट पर सभी जिम्मेदार चुप है ! (६)इसका उपाय यह है कि संविधान/हिन्दू विरोधी कानूनों को हटाकर, श्रीनाथजी मन्दिर सरकारी नियंत्रण मुक्त हो और मठाधीश को केवल श्रीनाथजी की सेवा का कार्य दिया जाये ! मन्दिर संचालन की जिम्मेदारी श्रीनाथजी के सखा बृजवासियों को दी जाये, जो समर्पित व समझदार हो ! (७)अन्त मे श्रीनाथजी की साक्षात् आज्ञानुसार बृजवासियों को सखा धर्म निभाते हुए, मन्दिर को अपने नियंत्रण मे लेना चाहिए ! क्योंकि श्रीनाथजी की साक्षात् आज्ञा कानून/वल्लभ आज्ञा से ऊपर है ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #(134) #09/07/22 #dineshapna



 

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