Saturday 13 August 2022

★ जो श्रीकृष्ण का नहीं, वह किसी काम का नहीं ! ★ ★ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पूर्व श्रीकृष्ण को आत्मसात करें ! ★ (जो जिम्मेदारी नहीं उठा सके, उसे जिम्मेदारी से मुक्त करो !) श्रीनाथजी मन्दिर मे जिम्मेदार चुप है, मन्दिर मे "सम्पत्ति की लूट व धर्म विरुद्ध आचरण" हो रहा है ! तो एक बृजवासी का मन्दिर मे "प्रसाद मे धर्म विरुद्ध आचरण" से सम्बंधित प्रश्न :- (१६)श्रीसद्दू पाण्डे जी व बृजवासियों ने सन् 1409 से 1506 (97 वर्ष) तक घर का दूध, दही, घी, मक्खन का श्रीनाथजी को भोग लगाया गया ! उसके बाद भी यह क्रम चालू रहा ! वर्तमान मे हजारों गाये, हजारों बीघा जमीन, सैकड़ों बृजवासी व करोड़ों रुपये होने के बावजूद मन्दिर मे बाजार से घी खरीद कर प्रसाद बनाया जा रहा है ! तो क्यों हमारे श्रीनाथजी को कम शुद्ध घी से बना प्रसाद का भोग लगाया जा रहा है ? (१७)श्रीनाथजी मे बालभाव से सेवा की जाती है, जिसमे सभी सामग्री को श्रीनाथजी के सम्मुख भोग के लिए रखा जाता है ! किन्तु आजकल कुछ सामग्री ही श्रीनाथजी के सम्मुख भोग के लिए रखी जाती है बाकी की सामग्री को वेणुजी के सन्मुख भोग के लिए रखी जाती है, जो गलत है ! तो क्यों हमारे श्रीनाथजी को भूखा रखा जा रहा है ? (१८)श्रीनाथजी मे आज से 50 वर्ष पूर्व जो सामग्री की गुणवत्ता थी, वह आज कल नहीं है ! जबकि सामग्री मे डाली जाने वाली वस्तुओं की मात्रा मे कोई अन्तर नहीं है ! क्या सामग्री की वस्तुओं की गुणवत्ता मे कमी या फर्क है ? तो क्यों हमारे श्रीनाथजी को कम गुणवत्ता की सामग्री का भोग लगाया जा रहा है ? (१९)श्रीनाथजी के नित्य भोग मे कोरोना काल के समय कमी करना गलत है क्योंकि मन्दिर मे धन की कोई कमी नहीं है और उस समय जनता को भोजन की जरूरत थी ! तो उस समय प्रसाद की मात्रा को कम करने के स्थान पर बढ़ाना चाहिए था, और उसे जनता मे नि:शुल्क बाँटना चाहिए था ! तो क्यों हमारे श्रीनाथजी के भोग मे कमी की गई ? (२०)पुष्टि मार्ग मे श्रीनाथजी की सेवा विधि के तीन प्रमुख अंग है - श्रृंगार, भोग, राग ! जिसमें "भोग" सेवा का पुष्टि सेवा मे 1/3 हिस्सा है ! उक्त तथ्यों के आधार पर भोग सामग्री मे कुछ कमी या फर्क आया है, जिससे श्रीनाथजी की सेवा क्रम मे कुछ कमी आयी है, जो गलत हैं ! तो क्या उक्त कार्य (प्रसाद की मात्रा / गुणवत्ता मे कमी) धर्म विरुद्ध आचरण नहीं है ? 【श्रीनाथजी मन्दिर मे लूट पर विस्तृत चर्चा आगामी पोस्ट मे ...............】 सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #(160) #13/08/22 #dineshapna







 

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