Friday 5 August 2022

★ श्रीनाथजी के "मन्दिर लूट मुक्ति अभियान" ★ (श्रीवल्लभाचार्य जी की गादी पर योग्य व्यक्ति ही बैठे !) (मन्दिर की लूट रोकने के लिए "सामाजिक अंकेक्षण" हो !) (◆धर्मों रक्षति रक्षितः ◆कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्) (१६)श्रीनाथजी ने सर्व प्रथम "निज सेवा की साक्षात् आज्ञा" श्रीसद्दू पाण्डे जी को दी ! उसके बाद श्रीवल्लभाचार्य जी को दी ! किन्तु उनके वंशजों ने करीब 150 वर्षो से "निजी स्वार्थ" के कारण मन्दिर को लूटना शुरू किया व बृजवासियों को उनके अधिकारों से वंचित किया ! (१७)श्रीनाथजी मन्दिर मे उक्त लूट को रोकने के लिए सरकार से गुहार लगाई तो सरकार ने लूट रोकने व बृजवासियों को अधिकार दिलाने के स्थान पर "स्वयं सरकार" ने मन्दिर का अधिकार अपने हाथ मे लेकर, मठाधीश के साथ होकर "मन्दिर लूट" मे शामिल हो गये ! सन् 1959 मे "मन्दिर मण्डल" का गठन किया, किन्तु उसमें बृजवासियों को कोई स्थान नहीं दिया, जो गलत होकर "श्रीनाथजी की साक्षात् आज्ञा का उल्लंघन" है ! (१८)मठाधीश ने श्रीनाथजी के प्रति दो मुख्य अपराध किये :- 👍"मन्दिर की लूट" मे शामिल - धन की, सम्पत्ति की व जमीन की ! 👍"धर्म विरुद्ध आचरण" कर रहे है - प्रसाद मे, आन्तरिक सुरक्षा मे, दर्शन व्यवस्था मे, पुष्टि परम्परा मे, पुष्टि भावना मे व बृजवासियों के अधिकारो के हनन मे ! (१९)मठाधीश जब श्रीनाथजी के मुख्य पुजारी (सेवक) है (सुप्रीम कोर्ट / श्रीनाथजी की साक्षात् आज्ञानुसार) तो उनको केवल श्रीनाथजी की सेवा ही करनी चाहिए तथा जितने दिन सेवा करें, उतने दिन का ही पारिश्रमिक लेना चाहिए ! मन्दिर की सुरक्षा व संचालन का कार्य केवल सक्षम / समर्पित बृजवासियों को दिया जाये ! इस कार्य मे महाराणा जी व वैष्णवों का सम्मान करते हुए, उनका सहयोग लेना चाहिए ! (२०)उक्त "मन्दिर की लूट" व "धर्म विरुद्ध आचरण" को रोकने के दो उपाय है :- 👍मन्दिर मण्डल का सामाजिक अंकेक्षण बृजवासी के द्वारा हो ! 👍श्रीनाथजी की साक्षात् आज्ञा की अक्षरशः पालना हो ! 【आप श्रीवल्लभाचार्य जी बनो, नहीं तो श्रीसद्दू पाण्डे तैयार है !】 सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #(153) #05/08/22 #dineshapna









 

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