Friday 12 August 2022

★ जो श्रीकृष्ण का नहीं, वह किसी काम का नहीं ! ★ ★ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पूर्व श्रीकृष्ण को आत्मसात करें ! ★ (जो जिम्मेदारी नहीं उठा सके, उसे जिम्मेदारी से मुक्त करो !) श्रीनाथजी मन्दिर मे जिम्मेदार चुप है, मन्दिर मे "सम्पत्ति की लूट व धर्म विरुद्ध आचरण" हो रहा है ! तो एक बृजवासी का मन्दिर मे "सम्पत्ति की लूट" से सम्बंधित प्रश्न :- (११)श्रीनाथजी मन्दिर के लिए मेवाड़ के महाराणा ने जमीन, धन, वस्त्र व आभूषण आदी समर्पित किये तथा कई वैष्णवों ने भी उक्त प्रकार की सम्पत्ति दान दी, किन्तु वर्तमान मे क्या सभी सम्पत्ति मन्दिर के पास सुरक्षित रुप से विद्दमान है या नहीं ? पूर्व वर्षों मे जिम्मेदार व्यक्तियों के द्वारा कई चोरीयाँ व लूट भी हुई है ! तो क्यों नहीं उक्त सम्पत्तियों का सामाजिक अंकेक्षण बृजवासी के द्वारा हो ? (१२)कई वैष्णवों ने धर्मशालाओं व काँटेजो का निर्माण कराकर मन्दिर मण्डल को दी थी, किन्तु उनको तोड़कर नया निर्माण किया गया, इससे उनको व उनकी भावनाओ को ठेस पहुँचायी गई ! तो क्यों नहीं उक्त सम्पत्तियों का सामाजिक अंकेक्षण बृजवासी के द्वारा हो ? (१३)नाथद्वारा मन्दिर मण्डल के द्वारा कई सम्पत्तियों को कोडियों के भाव पर किराए पर या लीज (दूसरे शब्दों मे विक्रय) की गई ! (जैसे - लालबाग हाईवे व आर.टी.डी.सी. रोड़ पर नुक्कड़ की 45000 वर्गफीट जमीन केवल 2000/- रु. वार्षिक पर किराए पर दी) इस प्रकार यह सम्पत्ति की लूट है ! तो क्यों नहीं उक्त सम्पत्तियों का सामाजिक अंकेक्षण बृजवासी के द्वारा हो ? (१४)नाथद्वारा मन्दिर मण्डल की स्थापना मन्दिर की सम्पत्ति की लूट को रोकने के लिए की गई ! किन्तु इन 63 वर्षों मे कई सम्पत्तियों (जमीन, भवन, आभूषण, वस्त्र, पिछवाई) की कमी हुई है, जबकि कोई सम्पत्ति बेची नहीं गई, तो कमी कैसे हुई ? तो क्यों नहीं उक्त सम्पत्तियों का सामाजिक अंकेक्षण बृजवासी के द्वारा हो ? (१५)श्रीनाथजी मन्दिर मे सम्पत्तियों की लूट 1959 से पूर्व भी होती थी व उसके बाद मन्दिर मण्डल बनने पर भी जारी है क्योंकि पहले व बाद मे जो भी जिम्मेदार है उनमे श्रीनाथजी के प्रति पूर्ण समर्पण की कमी है ! तो क्यों नहीं उक्त सम्पत्तियों का सामाजिक अंकेक्षण बृजवासी के द्वारा हो ? 【श्रीनाथजी मन्दिर मे लूट पर विस्तृत चर्चा आगामी पोस्ट मे ...............】 सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #(159) #13/08/22 #dineshapna












 

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