Wednesday 17 August 2022

★ जो श्रीकृष्ण का नहीं, वह किसी काम का नहीं ! ★ ★ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पूर्व श्रीकृष्ण को आत्मसात करें ! ★ (जो जिम्मेदारी नहीं उठा सके, उसे जिम्मेदारी से मुक्त करो !) श्रीनाथजी मन्दिर मे जिम्मेदार चुप है, मन्दिर मे "सम्पत्ति की लूट व धर्म विरुद्ध आचरण" हो रहा है ! तो एक बृजवासी का मन्दिर मे "श्रीनाथजी की साक्षात् आज्ञा व पुष्टि मार्ग मे धर्म विरुद्ध आचरण" से सम्बंधित प्रश्न :- (३१)श्रीनाथजी ने सर्वप्रथम प्रकट होकर सद्दू पाण्डे को निज सेवा की व बृजवासियों को सखा मानते हुए खेलने व सेवा करने की "साक्षात् आज्ञा" दी ! तो क्यों बृजवासियों को निज सेवा से वंचित करके केवल नौकर बना दिया ? (३२)श्रीवल्लभाचार्य जी ने "स्वप्न आज्ञा" से पुष्टि मार्ग की स्थापना करके उसकी परम्पराओं को बनाया, किन्तु उसमें से कुछ महत्त्वपूर्ण परम्पराओं को समाप्त बिना आधार के कर दिया ! तो क्यों पुष्टि मार्ग की परम्पराओं को तोड़ा / समाप्त किया जा रहा है ? (३३)पुष्टि मार्ग की आत्मा "भावनाएँ" है और उसी को ठेस पहुँचायी जा रही है ! इसके बावजूद जिम्मेदार चुप है व उनका साथ भी दे रहे है ! तो क्यो पुष्टि मार्ग की आत्मा को समाप्त किया जा रहा है ? (३४)"श्रीनाथजी की आज्ञा व सुप्रीम कोर्ट के आदेश" के अनुसार मठाधीश केवल मुख्य पुजारी है ! वर्तमान मे मठाधीश श्रीनाथजी व उनकी सम्पत्तियों को अपनी निजी सम्पत्ति मानते हुए मालिक बने हुए है ! तो क्या यह श्रीनाथजी की आज्ञा व पुष्टि मार्ग के सिद्धांतो के विपरीत आचरण नहीं है ? (३५)मठाधीश सेवक से मालिक बन गये ! श्रीनाथजी की साक्षात् आज्ञा, श्रीवल्लभाचार्य जी के उपदेश, पुष्टि मार्ग की परम्पराओं व भावनाओं के विपरीत कार्य कर रहे है ! तो किसने व कब "यह अधिकार" मठाधीश को दिया ? (३६)मठाधीश मन्दिर के ●धन, ●जमीन व ●सम्पत्ति लूट पर चुप है ! मन्दिर मे ●प्रसाद, ●आन्तरिक सुरक्षा व ●दर्शन व्यवस्था ठीक करने मे असक्षम है ! पुष्टि मार्ग की ●परम्पराओं, ●भावनाओं व ●श्रीनाथजी की साक्षात् आज्ञा की रक्षा नहीं कर पा रहे है ! तो क्यों हम "श्रीनाथजी के सखा" चुप रहे ? 【 जयश्रीकृष्ण 】 सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #(165) #17/08/22 #dineshapna









 

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