Chartered Accountant,Social Activist,Political Analysist-AAP,Spritual Thinker,Founder of Life Management, From India, Since 1987.
Thursday 29 September 2022
★★रामकथा 30/09/2022★★ ★★कलयुग की महिमा (२) ★★ श्रीरामचरितमानस के उत्तरकाण्ड में कलि महिमा का वर्णन :- (४) सोइ सयान जो परधन हारी। जो कर दंभ सो बड़ आचारी॥ जो कह झूँठ मसखरी जाना। कलिजुग सोइ गुनवंत बखाना । ॥3॥ भावार्थ:-जो (जिस किसी प्रकार से) दूसरे का धन हरण कर ले, वही बुद्धिमान है। जो दंभ करता है, वही बड़ा आचारी है। जो झूठ बोलता है और हँसी-दिल्लगी करना जानता है, कलियुग में वही गुणवान कहा जाता है । ॥3॥ (५) निराचार जो श्रुति पथ त्यागी। कलिजुग सोइ ग्यानी सो बिरागी॥ जाकें नख अरु जटा बिसाला। सोइ तापस प्रसिद्ध कलिकाला । ॥4॥ भावार्थ:-जो आचारहीन है और वेदमार्ग को छोड़े हुए है, कलियुग में वही ज्ञानी और वही वैराग्यवान् है। जिसके बड़े-बड़े नख और लंबी-लंबी जटाएँ हैं, वही कलियुग में प्रसिद्ध तपस्वी है । ॥4॥ (६) जे अपकारी चार तिन्ह कर गौरव मान्य तेइ। मन क्रम बचन लबार तेइ बकता कलिकाल महुँ । ॥98 ख॥ भावार्थ:-जिनके आचरण दूसरों का अपकार (अहित) करने वाले हैं, उन्हीं का बड़ा गौरव होता है और वे ही सम्मान के योग्य होते हैं। जो मन, वचन और कर्म से लबार (झूठ बकने वाले) हैं, वे ही कलियुग में वक्ता माने जाते हैं । ॥98 (ख)॥ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(197) #30/09/22 #dineshapna
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