Thursday 8 September 2022

श्रीनाथजी मन्दिर की सम्पत्तियों व व्यवस्थाओं से सम्बन्धित एक बृजवासी के ( 4 प्रश्न × 9 दिन ) = 36 प्रश्न ! जिम्मेदार है - 【बोर्ड मैम्बर्स / महाराज श्री / मुख्य निष्पादन अधिकारी / जिला कलेक्टर / सरकारी अधिकारी / बृजवासी 】 (२५)स्वार्थ, आपसी फूट, समर्पण की कमी, आन्तरिक सुरक्षा की उपेक्षा, असक्षम / स्वार्थी हाथों मे नियंत्रण, सुरक्षा पर नगण्य खर्च ! यह सभी "धर्म विरुद्ध आचरण के लक्षण" है ! श्रीनाथजी मन्दिर मे यह लक्षण पिछले १०० वर्षों से नजर आ रहे है और इसके कारण धिरे - धिरे मन्दिर को लूटा जा रहा है ! तो क्या यह "आन्तरिक सुरक्षा मे कमी" धर्म विरुद्ध आचरण नहीं है ? (२६)श्रीनाथजी सभी भक्तों के लिए समान है ! भक्तों के साथ अन्याय करना धर्म विरुद्ध आचरण है ! हकीकत मे उनके स्वघोषित बन्दो ने भक्तों को साधारण व वी.आई.पी. के नाम से बाँट दिया ! तो क्यों श्रीनाथजी दर्शन मे साधारण भक्तों के साथ अन्याय हो है ? (२७)श्रीनाथजी के दरबार मे कभी साधारण व विशेष का फर्क नहीं होता था ! पूर्व मे वैष्णव वार्ताओं मे साधारण भक्तों का बहुत महत्व बताया गया ! तो अब विशेष (धनपति) भक्तो को अनावश्यक महत्त्व देकर साधारण भक्तों को परेशान क्यों किया जा रहा है ? (२८)श्रीनाथजी मन्दिर मे पहले वी.आई.पी. दर्शन के नाम पर धन लूटा जाता था ! कोरोनाकाल मे भी जमकर धन लूटा गया ! अब उस वी.आई.पी. दर्शन की धन लूट को बन्द करने के स्थान पर मन्दिर मण्डल स्वयं ने यह धन लूट चालू कर दी है ! तो क्या यह साधारण भक्तों के साथ दर्शन व्यवस्था के नाम पर अन्याय नहीं है ? ★उक्त प्रश्नों के उत्तर केवल "हाँ या ना" मे दे ! ★जयश्रीकृष्ण★ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #(181) #08/09/22 #dineshapna












 

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