Tuesday 6 September 2022

श्रीनाथजी मन्दिर की सम्पत्तियों व व्यवस्थाओं से सम्बन्धित एक बृजवासी के ( 4 प्रश्न × 9 दिन ) = 36 प्रश्न ! जिम्मेदार है - 【बोर्ड मैम्बर्स / महाराज श्री / मुख्य निष्पादन अधिकारी / जिला कलेक्टर / सरकारी अधिकारी / बृजवासी 】 (१३)नाथद्वारा मन्दिर मण्डल के द्वारा कई सम्पत्तियों को कोडियों के भाव पर किराए पर या लीज (दूसरे शब्दों मे विक्रय) की गई ! (जैसे - लालबाग हाईवे व आर.टी.डी.सी. रोड़ पर नुक्कड़ की 45000 वर्गफीट जमीन केवल 2000/- रु. वार्षिक पर किराए पर दी) इस प्रकार यह सम्पत्ति की लूट है ! तो क्यों नहीं उक्त सम्पत्तियों का सामाजिक अंकेक्षण बृजवासी के द्वारा हो ? (१४)नाथद्वारा मन्दिर मण्डल की स्थापना मन्दिर की सम्पत्ति की लूट को रोकने के लिए की गई ! किन्तु इन 63 वर्षों मे कई सम्पत्तियों (जमीन, भवन, आभूषण, वस्त्र, पिछवाई) की कमी हुई है, जबकि कोई सम्पत्ति बेची नहीं गई, तो कमी कैसे हुई ? तो क्यों नहीं उक्त सम्पत्तियों का सामाजिक अंकेक्षण बृजवासी के द्वारा हो ? (१५)श्रीनाथजी मन्दिर मे सम्पत्तियों की लूट 1959 से पूर्व भी होती थी व उसके बाद मन्दिर मण्डल बनने पर भी जारी है क्योंकि पहले व बाद मे जो भी जिम्मेदार है उनमे श्रीनाथजी के प्रति पूर्ण समर्पण की कमी है ! तो क्यों नहीं उक्त सम्पत्तियों का सामाजिक अंकेक्षण बृजवासी के द्वारा हो ? (१६)श्रीसद्दू पाण्डे जी व बृजवासियों ने सन् 1409 से 1506 (97 वर्ष) तक घर का दूध, दही, घी, मक्खन का श्रीनाथजी को भोग लगाया गया ! उसके बाद भी यह क्रम चालू रहा ! वर्तमान मे हजारों गाये, हजारों बीघा जमीन, सैकड़ों बृजवासी व करोड़ों रुपये होने के बावजूद मन्दिर मे बाजार से घी खरीद कर प्रसाद बनाया जा रहा है ! तो क्यों हमारे श्रीनाथजी को कम शुद्ध घी से बना प्रसाद का भोग लगाया जा रहा है ? ★उक्त प्रश्नों के उत्तर केवल "हाँ या ना" मे दे ! ★जयश्रीकृष्ण★ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #(178) #06/09/22 #dineshapna





 

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