Saturday 24 September 2022

नेताओं, अधिकारियों व धनपतियों को नाथद्वारा विकास के लिए आभार ! नगरपालिका / प्रशासन के द्वारा अतिक्रमण तथा अतिक्रमण पर चुप्पी क्यों ? (१)फोरलेन व एलिवेटेड पुल :- इसका फायदा खास आदमी (नेताओं, ठेकेदार, धनपति) को किन्तु असुविधा व मौत की सड़क है आम आदमी के लिए ! क्योंकि नाथूवास चौराहा जानलेवा है, एलिवेटेड पुल 90° घुमावदार व छोटा होने से दुघर्टना स्थल बन गया है, लालबाग की जगह खतरनाक है, सर्विस रोड़ भी दोनो ओर नहीं होने से असुरक्षित रोड़ है ! एलिवेटेड पुल के निचे की जगह वाहनों के लिए उपयोग होनी चाहिए, किन्तु उसके स्थान पर खास आदमी के नाम लिखाने के लिए गाडँन बनाया जा रहा है जो गलत व अन्याय है ! (२)आईकोनिक गेट :- इसका फायदा खास आदमी (नेताओं, ठेकेदार, धनपति) को किन्तु असुविधा व मौत का स्थान है आम आदमी के लिए ! क्योंकि गेट के दोनो छोर व दुकानों के बीच 30 फीट की दूरी नहीं होने से पूर्व मे स्थापित दुकानदारों को परेशानी हो रही है, गेट के प्रवेश स्थल के सामने निकासी का रास्ता होने से यह दुघर्टना स्थल बन गया है, व गेट के सामने गाडँन को 6 फीट ऊँचा बनाया जो किसी के काम का नहीं है ! (३)माँडल बस स्टैण्ड :- इसका फायदा खास आदमी (नेताओं, ठेकेदार, धनपति) को किन्तु असुविधा व असुरक्षित है आम आदमी के लिए ! क्योंकि पहले यहाँ केवल प्राईवेट बसो के लिए बस स्टैण्ड था किन्तु अब यहाँ प्राईवेट व सरकारी दोनो बसो के लिए बनाया गया तथा यहाँ केवल 20000 वर्गफीट ही जमीन होने से असुविधाजनक है । इसको बनाने के लिए जो धन मिराज वालो ने लगाया, उसके एवज मे मिराज ने 18000 वर्गफीट जमीन लालबाग बस स्टैण्ड पर ली, तो भी मिराज ने माँडल बस स्टैण्ड पर अपना नाम लिख दिया । नगरपालिका ने मन्दिर मण्डल से लालबाग मे 45000 वर्गफीट जमीन 2000/- प्रतिवर्ष पर किराए पर ली तथा उस पर बस स्टैण्ड बनाया, किन्तु नगरपालिका ने उसमे से फ्रन्ट की 18000 वर्गफीट जमीन मिराज को बेच दी, जिससे शेष 27000 वर्गफीट जमीन व उस पर बनी बिल्डिंग बेकार कर दी, जो धोखाधड़ी है ! (४)शिवमूर्ति :- इसका फायदा खास आदमी (नेताओं, ठेकेदार, धनपति) को किन्तु जमीन का धोखा है आम आदमी के हिस्से मे ! क्योंकि नगरपालिका ने शिवमूर्ति के लिए ही 25 बीघा जमीन 30 वर्ष के लिए दी, तथा 30 वर्ष बाद उक्त जमीन व शिव मूर्ति जनता को पुनः दी जायेगी ! किन्तु मिराज ने शिवमूर्ति बनाने के साथ शाँपिग कोम्पलेक्स बना दिया व जमीन 99 वर्ष के लिए लेकर स्थाई रुप से ले ली ! इसके साथ ही शिवमूर्ति देखने का आम आदमी से टिकट भी वसूला जायेगा ! (५)नाथूवास/सिंहाड तालाब :- इसका फायदा खास आदमी (नेताओं, अधिकारियों, धनपति) को किन्तु असुविधा व असुरक्षा है आम आदमी के लिए ! क्योंकि इन दोनों तालाबों के बीच से फोरलेन निकाली गई, भराव क्षैत्र की जमीनों को भू रुपान्तरण करके पट्टे जारी किये, निर्माण स्वीकृति जारी की, मकान, बंगले व होटलों का निर्माण किया गया ! तालाबों को भरने के स्थान पर उनमें से पानी निकासी की व्यवस्था की जिससे तालाबों के अन्दर निर्माण कार्य किया जा सके ! तालाबों मे जल आने के स्त्रोतों पर अतिक्रमण करके तालाबों का अस्तित्व खत्म करने का कार्य किया जा रहा है ! इसके विपरीत तालाबों के विकास के नाम पर करोड़ों रुपये बबार्द करने की तैयारी कर रहे है ! (६)बहुमंजिला ईमारत/होटल निर्माण :- इसका फायदा खास आदमी (नेताओं, अधिकारियों, धनपति) को किन्तु असुविधा व असुरक्षा है आम आदमी के लिए ! क्योंकि इनका निर्माण नियम विरुद्ध किया जा रहा है ! जैसे - बिना पर्याप्त पार्किंग के निर्माण, निर्माण स्वीकृति से अधिक मंजिलों का निर्माण, बिना सेटबैक छोड़े निर्माण, नियम विरुद्ध निर्माण स्वीकृति व जल स्त्रोतो पर (जल प्रवाह क्षैत्र पर, जल निकासी नहर पर, कुँओ पर, बावडियो पर, तालाबों के भराव क्षैत्रों पर) निर्माण किया जा रहा है ! इसमें कुछ धनपति अपने धन के बल पर, कुछ नेताओं के अनुचित प्रभाव के कारण व कुछ अधिकारीयो के द्वारा रिश्वत लेकर नियम विरुद्ध पट्टे बनाकर निर्माण स्वीकृति जारी की जा रही है ! (७)नगरपालिका/प्रशासन के द्वारा अतिक्रमण :- इसका फायदा खास आदमी (नेताओं, अधिकारियों, धनपति) को किन्तु असुविधा व असुरक्षा है आम आदमी के लिए ! क्योंकि ●लालबाग बस स्टैण्ड की मन्दिर मण्डल से किराए पर लेकर बेच दिया ! ●लावटी पेट्रोल पम्प नाथूवास की मन्दिर की जमीन को नगरपालिका द्वारा हड़पना ! ●बड़ा मगरा के तलहटी की जमीन मन्दिर मण्डल की है, तो भी नगरपालिका द्वारा पट्टे जारी करके बेचना ! ●नाथूवास/सिंहाड तालाब के भराव क्षैत्र की जमीनों को भू रुपान्तरण करके पट्टे जारी किये ! ●तालाबों की जमीन पर निर्माण स्वीकृति देकर मकान, बंगले व होटलों का निर्माण किया जा रहा है ! 【नगरपालिका/प्रशासन के द्वारा अतिक्रमण】 (८)नगरपालिका/प्रशासन की अतिक्रमण पर चुप्पी :- इसका फायदा खास आदमी (नेताओं, अधिकारियों, धनपति) को किन्तु असुविधा व असुरक्षा है आम आदमी के लिए ! क्योंकि ● बिना पर्याप्त पार्किंग के बहुमंजिला ईमारतो / होटलो का निर्माण पर चुप्पी ! ●नियम विरुद्ध निर्माण स्वीकृति / निर्माण स्वीकृति से अधिक निर्माण पर चुप्पी ! ●सरकारी जमीन / वन विभाग की जमीन / सार्वजनिक सड़क पर निर्माण पर चुप्पी ! ●निर्माण स्वीकृति जारी करने के बाद, किये गये निर्माण कार्यों की जाँच नहीं करने के कारण हुए अतिक्रमण पर चुप्पी ! ●जल प्रवाह क्षैत्र / जल संरक्षण क्षैत्रों पर हो रहे अतिक्रमण पर चुप्पी ! 【नगरपालिका/प्रशासन के सामने अतिक्रमण हो रहा है तब भी अतिक्रमण पर चुप्पी】 नगरपालिका / प्रशासन स्वयं अतिक्रमण कर रहा है ! या अतिक्रमण पर चुप्पी साधकर अतिक्रमण मे सहयोग कर रहा है ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #14/16/18/19/09/22 #dineshapna








 

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