Friday 7 January 2022

★विकास बहुउद्देश्यीय के साथ बहुउपयोगी भी हो !★ ★"जमीन देकर विकास" या "अतिक्रमण करके विकास"★ ★"विकास के पहले" जन उपयोगिता सोचे व जनता की सुने !★ ★"विकास के बाद" जन उपयोगिता सुनिश्चिता हेतु सामाजिक अंकेक्षण कराये !★ ~~~~~~~~~~~~(1)~~~~~~~~~~~~ विकास एकउद्देश्यीय के साथ एक पक्षीय न हो ! विकास बहुउद्देश्यीय के साथ बहुउपयोगी भी हो ! नाथद्वारा मे "बहुउद्देश्यीय पशु चिकित्सालय" खोलना अच्छा है व इसके लिए धन्यवाद ! किन्तु इसे राजसमन्द से हटाकर नाथद्वारा लाना गलत है क्योंकि किसी की भोजन थाली छिनकर उसका भोजन खाना, यह अच्छे संस्कार नहीं है ! इसके अलावा जहाँ से छिना जा रहा है वह भी अपना है ! क्योंकि नाथद्वारा भी राजसमन्द जिले का हिस्सा है व नाथद्वारा का सांसद क्षैत्र भी है तो उनके नागरिकों के साथ अन्याय करना कहाँ तक ठीक है ? आपको राजसमन्द के वोट भी लेने है और लिए भी है ! इसी प्रकार नाथद्वारा मे विकास भी "एकउद्देश्यीय व एक पक्षीय" किया जा रहा है जो गलत है ! जैसे आईकोनिक गेट, माँडल बस स्टैण्ड, शिव मूर्ति के नाम पर किया गया विकास केवल एक व्यक्ति के फायदे के लिए ही किया हुआ प्रतीत होता है, जबकि आम आदमी को इससे फायदा कम नुकसान ज्यादा हो रहा है ! अतः विकास बहुउद्देश्यीय के साथ बहुउपयोगी भी हो तथा साथ मे आम आदमी के लिए उपयोगी हो ! उसे ही "सच्चा व सही विकास" कहते है ! ~~~~~~~~~~~~(2)~~~~~~~~~~~~ नाथद्वारा मे "बहुउद्देश्यीय पशु चिकित्सालय" खोलना अच्छा है व इसके लिए धन्यवाद ! किन्तु उन पशुओं की सुविधाओं (रास्ता व पानी) के लिए भी ध्यान दे, तब ही बहुउद्देश्यीय व बहुउपयोगी विकास हो सकेगा ! (१) नाथूवास चौराहा, फोरलेन से लेकर मन्दिर की गऊशाला तक "सडकों के खड्डे" ठीक कराते हुए सड़क की चौडाई बढा़ई जाये क्योंकि अब पशु व इंसान दोनों का इस सड़क पर आना जाना होगा ! (२) उक्त सड़क की खस्ता हाल पिछले 6 सालों से है ! मैने भी इसकी शिकायत 04/01/2020 को की, किन्तु आज दिनांक तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई ! (३) जब पशुओं की सुविधाओं की बात चल रही है तो उनके पानी पीने का एक मात्र स्त्रोत "नाथूवास तालाब" है, किन्तु उस पर भी "भराव भरकर व निर्माण करके अतिक्रमण" किया जा रहा है ! इसको तुरन्त रोकने की आवश्यकता है ! (४) जब खास आदमी (नेता, अधिकारी, धनपति) 10 दिनों के लिए राजसमन्द मे है तो "पशुओं के लिए बहुउद्देश्यीय विकास" करें ! चिकित्सालय के साथ आने जाने के लिए गऊशाला "रोड़ बनावे" व पानी के लिए "नाथूवास तालाब मे हो रहे अतिक्रमण" को हटवाये ! अतः आप (खास आदमी) शिलान्यास के फोटो खिचवा सकते है तो गऊशाला की टूटी / संकरी रोड़ व नाथूवास तालाब के अतिक्रमण के साथ भी फोटो खिचवा सकते है ! ~~~~~~~~~~~~(3)~~~~~~~~~~~~ ★जमीन देकर या लूटाकर, किया गया विकास क्यों ?★ ★"जमीन देकर विकास" या "अतिक्रमण करके विकास"★ नाथद्वारा मे "पशु चिकित्सालय" व "चिकित्सालय" खोलने / विस्तार करने के लिए धन्यवाद ! किन्तु यदि जमीन देकर या अतिक्रमण करके किया जाने वाला विकास एकउद्देश्यीय के साथ एकपक्षीय है, जो गलत है ! ऐसे विकास से आम आदमी को फायदा कम, परेशानी ज्यादा होती है व खास आदमी को ही फायदा होता है ! (१) माँडल बस स्टैण्ड, आईकोनिक गेट व शिवमूर्ति बनाने (जमीन देकर विकास) से आम आदमी को कोई खास फायदा नहीं हुआ किन्तु आम आदमी की जमीन देकर (जमीन देकर विकास) प्रत्येक स्तर पर परेशानी / नुकसान जरूर मिला है ! (२) ऐलिवेटेड़ पुल बनाने से सुविधाओं के स्थान पर असुविधाएँ हो रही है और इसके नीचे गाडँन बना कर "विकास के स्थान पर व्यवधान" पैदा किया जा रहा है व इससे आम आदमी को आने जाने, पार्किंग व छोटे रोजगार की समस्याएं बढ़ेगी ! इसे "विकास नहीं व्यवधान" कहते है ! (३) "जमीन देकर विकास" उक्त (१) (२) मे वर्णित विकास हो रहे है तो बहुत सी जगह दूसरे प्रकार से ("जमीन पर अतिक्रमण" करके विकास) किया जा रहा है ! जैसे :- नाथूवास तालाब के भराव क्षैत्र मे अतिक्रमण करके रिसोर्ट / वाटिका बनाई जा रही है ! सिंहाड़ तालाब मे भी अतिक्रमण करके फोरलेन / होटल बनाई जा रही है ! इस विकास पर नेता / प्रशासन चुप क्यों है ? (४) जब सरकार / नगरपालिका से अपनी जमीनो की सुरक्षा नहीं कर पा रही है, व सैकड़ों बीघा जमीनो पर अतिक्रमण हो रहा है, तो हम सरकार / नगरपालिका से कैसे आशा कर सकते है कि मन्दिर की हजारों बीघा जमीन लेकर आम आदमी के फायदे के लिए विकास होगा ? सोचो ! देखो ! मन्दिर मण्डल की लालबाग की जमीन को नगरपालिका ने हड़प कर खास आदमी को दे दी और आम आदमी को बताया कि "विकास" किया, तो भविष्य मे मन्दिर की हजारों बीघा जमीन लेकर क्या विकास होगा ? अतः खास आदमी (नेता, अधिकारी) से निवेदन है कि केवल सरकारी भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटा दे तो आम आदमी के लिए विकास स्वतः ही हो जायेगा ! ~~~~~~~~~~~~(4)~~~~~~~~~~~~ ★"विकास के पहले" जन उपयोगिता सोचे व जनता की सुने !★ ★"विकास के बाद" जन उपयोगिता सुनिश्चिता हेतु सामाजिक अंकेक्षण कराये !★ (१) नाथद्वारा मे कई विकास कार्य कराये गये, उसके लिए धन्यवाद ! किन्तु विकास कार्यों को कराने से पूर्व जनहित के बारे मे नही सोचा गया, जिस कारण वह सभी विकास कार्य एकउद्देश्यीय व एकपक्षीय होने से केवल खास आदमी के फायदे के लिए हो गये व आम आदमी के लिए तकलीफ दायी हो गये है जैसे :- माँडल बस स्टैण्ड, आईकोनिक गेट व शिवमूर्ति व ऐलिवेटेड़ पुल आदि ! (२) नाथद्वारा मे कई विकास कार्य ऐसे हुए, जो दिखाने मे तो जन उपयोगी लग रहे थे किन्तु उनके निर्माण के दौरान व निर्माण हो जाने के बाद उसकी समीक्षा या सामाजिक अंकेक्षण नहीं होने से आम आदमी के लिए तकलीफ देय हो गये ! जैसे :- फोरलेन, मन्दिर मार्ग मे कोबल स्टोन, चौपाटी पर पानी निकासी का नाला, सब्जी मण्डी आदि ! (३) विकासकर्ता को चाहिए कि विकास करने से पूर्व विकास कार्य योजना आम आदमी के सामने रखे व उनसे सुझाव आमन्त्रित करें, उन पर विचार करें, उसके बाद कार्य करे ! (४) विकासकर्ता को चाहिए कि विकास करने के दौरान व विकास करने के बाद , उन सभी विकास कार्यों की समीक्षा के साथ आम आदमी से उनका सामाजिक अंकेक्षण कराये ! जिससे विकास कार्यों की उपयोगिता आम आदमी के लिए सुनिश्चित हो सके ! अतः विकासकर्ता को जनहित मे हकीकत मे विकास कराने की मंशा हो तो सभी विकास कार्यों का सामाजिक अंकेक्षण सुनिश्चित रुप से कराये ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी 07/01/22 #dineshapna







 

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