Saturday 22 January 2022

■सुभाष जयन्ती पर, स्वयं सुभाष चन्द्र बोस बने !■ ★एक स्कूल की आत्मव्यथा, स्वयं की जुबानी★ (९) मेरी उम्र 1000 वर्ष है, किन्तु मुझे 900 वर्ष पूर्व बचपन मे ही मारा जा रहा है ! इसके लिए मुझे 25 वर्षों से "भूखा व प्यासा" रखा गया अर्थात् "मरम्मत व पुताई" नहीं की गई ! जिससे मै कमजोर नजर आने लगू व सियार भी मेरा शिकार आसानी से कर सके ! (१०) मुझे कमजोर करने के लिए हजारों रुपये खर्च करके एक साजिश भी की ! वाटर हारवेस्टिंग के लिए सभी नालदो को पाईपों से जोड़ा गया किन्तु उन पाईपों की सफाई नहीं करने से छतो पर पानी भरने लगा और उससे मेरे कमरों मे पानी झरने लगा ! इसे बताया जा रहा है कि मै कमजोर होकर पानी रोकने मे असमर्थ हूँ ! यह गलत व अन्याय है ! (११) मेरे जैसे चूने व पत्थरों से बने क ई राजमहल/किले है जो 200 से 1000 वर्ष पुराने है किन्तु उन्हें तो मेरी तरह तोड़ा तो नहीं जा रहा है ! इसके विपरीत उनकी मरम्मत करके, उनके मूल स्वरूप को बनाये रखा जा रहा है ! तो मेरे साथ ही ऐसा अन्याय क्यों ? (१२) मुझे समय से पूर्व शायद इसलिए तोड़ा (मारा) जा रहा है कि मेरे से ज्यादा मेरे स्थान (जमीन) का महत्व है ! शायद मेरे को तोड़कर (मारकर) इस जमीन का धन के खातिर अन्य उपयोग, अन्य व्यक्ति, अपने निजी स्वार्थ के लिए करना चाहता है, जो अभी स्पष्ट नहीं किया जा रहा है ! श्रीनाथजी मन्दिर ने तो मुझे "शिक्षा" के लिए दान दी है तो "व्यापार" के लिए इसका उपयोग गलत व जन विरोधी है ! आज नेताजी की जयन्ति है, तो हमे भी सुभाष चन्द्र बोस जैसा बनना है ! 【मै श्रीगोवर्धन उच्च माध्यमिक विद्यालय, नाथद्वारा हूँ ! मेरे लिए कौन कौन "सुभाष चन्द्र बोस" बनने को तैयार है ? एक हिन्दुस्तानी तो तैयार है !】 सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी (30) #23/01/22 #dineshapna







 

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