Wednesday 5 January 2022

विकास एकउद्देश्यीय के साथ एकपक्षीय न हो ! विकास बहुउद्देश्यीय के साथ बहुउपयोगी भी हो ! ★जमीन देकर या लूटाकर, किया गया विकास क्यों ?★ ★"जमीन देकर विकास" या "अतिक्रमण करके विकास"★ नाथद्वारा मे "पशु चिकित्सालय" व "चिकित्सालय" खोलने / विस्तार करने के लिए धन्यवाद ! किन्तु यदि जमीन देकर या अतिक्रमण करके किया जाने वाला विकास एकउद्देश्यीय के साथ एकपक्षीय है, जो गलत है ! ऐसे विकास से आम आदमी को फायदा कम, परेशानी ज्यादा होती है व खास आदमी को ही फायदा होता है ! (१) माँडल बस स्टैण्ड, आईकोनिक गेट व शिवमूर्ति बनाने (जमीन देकर विकास) से आम आदमी को कोई खास फायदा नहीं हुआ किन्तु आम आदमी की जमीन देकर (जमीन देकर विकास) प्रत्येक स्तर पर परेशानी / नुकसान जरूर मिला है ! (२) ऐलिवेटेड़ पुल बनाने से सुविधाओं के स्थान पर असुविधाएँ हो रही है और इसके नीचे गाडँन बना कर "विकास के स्थान पर व्यवधान" पैदा किया जा रहा है व इससे आम आदमी को आने जाने, पार्किंग व छोटे रोजगार की समस्याएं बढ़ेगी ! इसे "विकास नहीं व्यवधान" कहते है ! (३) "जमीन देकर विकास" उक्त (१) (२) मे वर्णित विकास हो रहे है तो बहुत सी जगह दूसरे प्रकार से ("जमीन पर अतिक्रमण" करके विकास) किया जा रहा है ! जैसे :- नाथूवास तालाब के भराव क्षैत्र मे अतिक्रमण करके रिसोर्ट / वाटिका बनाई जा रही है ! सिंहाड़ तालाब मे भी अतिक्रमण करके फोरलेन / होटल बनाई जा रही है ! इस विकास पर नेता / प्रशासन चुप क्यों है ? (४) जब सरकार / नगरपालिका से अपनी जमीनो की सुरक्षा नहीं कर पा रही है, व सैकड़ों बीघा जमीनो पर अतिक्रमण हो रहा है, तो हम सरकार / नगरपालिका से कैसे आशा कर सकते है कि मन्दिर की हजारों बीघा जमीन लेकर आम आदमी के फायदे के लिए विकास होगा ? सोचो ! देखो ! मन्दिर मण्डल की लालबाग की जमीन को नगरपालिका ने हड़प कर खास आदमी को दे दी और आम आदमी को बताया कि "विकास" किया, तो भविष्य मे मन्दिर की हजारों बीघा जमीन लेकर क्या विकास होगा ? अतः खास आदमी (नेता, अधिकारी) से निवेदन है कि केवल सरकारी भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटा दे तो आम आदमी के लिए विकास स्वतः ही हो जायेगा ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी (5) #05/01/22 #dineshapna


 





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