Tuesday 11 January 2022

★नाथद्वारा मे विकास - फोरलेन - एक श्वेत पत्र★ (१)फोरलेन है एक आफत लेन १ - इसे नाथद्वारा के बीच से निकालने के स्थान पर बाहर से बाईपास होकर निकालना चाहिए जिससे यहाँ यह ऐलिवेटेड़ पुल (मौत का पुल) की परेशानी से बचा जा सकता था ! (२)फोरलेन है एक आफत लेन २ - नाथूवास चौराहा एक मौत का चौराहा बन गया है जहाँ आदमी के अलावा गायो की भी निरन्तर आवा जावी बनी रहती है जिस कारण कई दुर्घटनाएँ भी हुई है ! (३)फोरलेन है एक आफत लेन ३ - लालबाग चौराहा एक आफत का चौराहा बन गया है, यहाँ कोठारिया, लालबाग व हाँस्पीटल आने जाने की समुचित व्यवस्था नहीं होने से हमेशा दुर्घटना होने की सम्भावना बनी रहती है और कई दुर्घटनाएँ भी हो चुकी है ! (४)फोरलेन है एक आफत लेन ४ - नगर के पास से फोरलेन गुजरने पर नगर के आन्तरिक आने जाने के लिए सर्विस रोड़ बनाया जाता है किन्तु नाथद्वारा मे आधी अधुरी सर्विस रोड़ बनाकर आफत बढ़ा दी है ! (वृन्दावन बाग से लालबाग सर्विस रोड़ नहीं, लालबाग से बस स्टैण्ड एक ओर, व बस स्टैण्ड से सुखाडिया नगर दूसरी ओर, व सुखाडिया नगर से नाथूवास चौराहा तक दूसरी ओर सर्विस रोड़ बनाई गई !) यह सर्विस रोड़ न होकर मनमर्जी की खानापूर्ति है ! (५)फोरलेन "जनता की सुविधा" के लिए होने के स्थान पर "नेताओं की मर्जी का अखाड़ा" बना दिया है ! ●नाथूवास पर अण्डरपास होना चाहिए ●लालबाग पर अण्डरपास होना चाहिए ●दोनों ओर सर्विस रोड़ होना चाहिए ●सिंहाड़ तालाब को बबार्द नहीं करना चाहिए यदि यह सभी नहीं करना हो तो "ऐलिवेटेड़ पुल के जगह बाईपास" होना चाहिए ! ★★किन्तु यह सभी "विनाश/आफत" केवल "नेताओं की जि़द" के कारण हुआ है !★★ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी (13) #11/01/22 #dineshapna



 

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