Tuesday 25 January 2022

★संविधान की प्रस्तावना के अनुरूप कानून बने व लागू हो !★ आज के दिन 26/01/1950 को हम भारत के लोगों के द्वारा अंगीकृत संविधान को लागू किया था ! इस संविधान की प्रस्तावना मे स्पष्ट लिखा है कि "हम भारत के लोग भारत को एक प्रभुत्व सम्पन्न देश ..... धर्मनिरपेक्ष.......लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को न्याय, स्वतंत्रता, समता प्राप्त करने के लिए, तथा उन सभी मे व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करने के वाली बन्धुता बढ़ाने के लिए, इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते है ! इसके लिए इसमें अनुसूची व परिशिष्ट बनाये, जिसमे जनहित मे परिवर्तन के लिए "विधायिका" व लागू करने के लिए "कार्यपालिका" बनाई गई ! अब समस्या यह है कि ●संविधान को बनाने व ●लागू करने के बीच मे ●"विधायिका" व ●"कार्यपालिका" है जिन्होंने कुछ स्थानों पर "जनहित" के स्थान पर "स्वहित" के लिए असंवैधानिक परिवर्तन किये व इसे प्रस्तावना की मूल भावनाओं के अनुरूप "जनहित" मे लागू करने के स्थान पर "स्वहित" के अनुरूप लागू किया, जो गलत है ! उदाहरण के लिए "समानता" की बात है किन्तु 30 हिन्दू विरोधी कानून बनाकर लागू किये ! सन् 1976 मे 42 वाँ संशोधन करके "धर्मनिरपेक्षता" जोड़ दिया, तथा हिन्दू विरोधी कानून बनाकर "संविधान की प्रस्तावना" के विरुद्ध कार्य किया ! अर्थात् संविधान की प्रस्तावना के विपरीत कानून / परिवर्तन "विधायिका" ने किये व उसे लागू करने मे भी विपरीत कार्य "कार्यपालिका" ने किये है ! अतः आज हम भारत के लोगों को 72 वर्ष बाद संविधान की प्रस्तावना के अनुरूप पुनः कानून मे परिवर्तन करने व उसे लागू करने के तरीकों मे परिवर्तन करने की जरूरत है ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी (33) #26/01/22 #dineshapna







 

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