Sunday 23 May 2021

★नाथद्वारा श्रीनाथजी मन्दिर "सरकारी" व "स्वहितैषी" के नियंत्रण से मुक्त हो !★ 【【क्योंकि इस कारण ● (१)नाथद्वारा मन्दिर की जमीन, सम्पत्ति व धन का नुकसान, लूट व दुरुपयोग हो रहा है ! (२)पुष्टिमार्गीय परम्पराओं को तोड़ा व बदला जा रहा है व पुष्टि संस्कृति को नुकसान हो रहा है ! (३)बृजवासियों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है ! (४)सरकार व गैर पुष्टिमार्गीय वैष्णवो के बेवजह हस्तक्षेप व नियंत्रण बढ़ने से श्रीनाथजी मन्दिर मे सेवा के स्थान पर व्यापार हो रहा है !】】 ■नाथद्वारा मन्दिर की स्थिति छ: दशकों से दिन प्रतिदिन ठीक नहीं चल रही है :- १- मन्दिर पर बेवजह सरकारी हस्तक्षेप व नियंत्रण बढ़ रहा हैं ! २- मन्दिर मे सेवा व भावनाओं के स्थान पर व्यापार हो रहा है ! ३- मन्दिर की जमीनों को बेचा जा रहा है या लूटा जा रहा है ! ४- मन्दिर के धन का दुरुपयोग कर अनावश्यक निर्माण किया जा रहा है ! ५- मन्दिर के प्रसाद की गुणवत्ता घटाई जा रही है ! ६- मन्दिर मे गैर वैष्णवों का हस्तक्षेप व अधिकार बढ़ रहा है ! ७- बृजवासियों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है ! ८- पुष्टिमार्ग की परम्पराओं को तोड़ा या बदला जा रहा है ! ■कारण व जिम्मेदार कौन :- १- बोर्ड मैम्बर्स :- क्योंकि मन्दिर की जमीन व धन की सुरक्षा व सदुपयोग की जिम्मेदारी आपकी ही है ! वर्तमान मे बोर्ड मैम्बर्स अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने मे पूर्णतः असफल रहे है ! २- सरकार व अधिकारी :- क्योंकि बोर्ड के निर्णयों के अनुसार मन्दिर सम्पत्तियों की सुरक्षा व व्यवस्था का काम है किन्तु इसके विपरीत सरकार व अधिकारी स्वयं सम्पत्तियों का नुकसान कर रहे है और देखते व जानते हुए भी चुप है ! ३- महाराजश्री :- क्योंकि मन्दिर की व्यवस्था व परम्पराओं की रक्षा की जिम्मेदारी आप पर ही है फिर भी आप अपनी जिम्मेदारी निभाने मे असफल रह रहे हैं ! ■समाधान :- १- श्रीनाथजी की सेवा व सुरक्षा का प्रथम अधिकार व जिम्मेदारी बृजवासियों की है ! २- पुष्टिमार्ग मे वैष्णवों की सेवा व समर्पण महत्त्वपूर्ण है ! ३- हिन्दू मन्दिरो पर से सरकारी नियंत्रण हटना चाहिए क्योंकि यह संविधान के विरुद्ध है ! ४- इसके लिए बृजवासियों, समर्पित वैष्णवों, समर्पित नाथद्वारावासी, विद्धानों व महाराणा के प्रतिनिधियों को मिलाकर एक मार्गदर्शक मण्डल बनाने की आवश्यकता है ! हिन्दू जाग गया :: बृजवासी जाग गया सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #12/05/2021 #dineshapna ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ ★नाथद्वारा मन्दिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त हो !★ ●नाथद्वारा मन्दिर की स्थिति छ: दशकों से दिन प्रतिदिन ठीक नहीं चल रही है :- १- मन्दिर पर बेवजह सरकारी हस्तक्षेप व नियंत्रण बढ़ रहा हैं ! ••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• 1959 मे नाथद्वारा मन्दिर का नियंत्रण बृजवासियों व समर्पित वैष्णवों को देने के स्थान पर स्वयं अपने हाथ मे लेकर मन्दिर की सम्पत्तियों को लूटना व लूटाना चालू कर दिया ! क्योंकि जो अधिकारी लूट रोकने के लिए लगाये गये वह भी मूक दर्शक व कर्तव्य विमुख हो गये ! ●नगरपालिका मन्दिर की जमीन लूटकर बेच रही है और अधिकारी चुप है ! जैसे:- लालबाग की जमीन, बड़ा मगरा की जमीन, कच्छवाई, कांटीमाला की जमीन, भीलवाड़ा की जमीन आदी अन्य जमीने ! ●मन्दिर की करोड़ों की जमीन सरकार लूटा रही है और सम्पदा अधिकारी चुप व लाखो रुपये का वेतन उठा रहा है ! ●मन्दिर की जमीनों से फूल, फल, सब्जी आदि अपेक्षित उपज नहीं हो रही है, और हम कृषि अधिकारी को लाखो रुपये वेतन के रुप मे व्यर्थ दे रहे है ! ●मन्दिर की जमीन लुटाई जा रही है, धन का अपव्यय हो रहा है, बोर्ड उल्टे सुलटे निर्णय ले रहा है तो भी मुख्य अधिकारी चुप है ? जनता की आवाज को बोर्ड के सामने नहीं रख रहे है, क्योंकि उन्हें श्रीनाथजी से ज्यादा नौकरी की फिक्र है ? इस प्रकार सरकार नाथद्वारा मन्दिर मे अनावश्यक हस्तक्षेप व नियंत्रण कर रही है ! सरकारी हस्तक्षेप संविधान के विरुद्ध है ! हिन्दू जाग गया :: बृजवासी जाग गया सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #12/05/2021 #dineshapna ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ ★नाथद्वारा मन्दिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त हो !★ ●नाथद्वारा मन्दिर की स्थिति छ: दशकों से दिन प्रतिदिन ठीक नहीं चल रही है :- २- मन्दिर मे सेवा व भावनाओं के स्थान पर व्यापार हो रहा है ! ••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• पुष्टिमार्ग के अनुसार नाथद्वारा मन्दिर मे पूजा सेवा व समर्पण के साथ की जाती है तथा पुष्टिमार्ग मे श्रीनाथजी की सेवा बाल भाव व निस्वार्थ भाव से की जाती है किन्तु वर्तमान मे सेवा व समर्पण भाव का स्थान प्रतिफल प्राप्ति से भी ज्यादा इसको पूर्णरुप से लाभार्जन हेतु व्यापार बना दिया है ! क्योंकि ज्यादातर बोर्ड मैम्बर्स व्यापारी है तथा शेष की सोच व्यापारिक है, अधिकारी की सोच लाभ दर्शाने की है व बोर्ड अध्यक्ष तो केवल लक्ष्मी के दास मात्र है ! ऐसी स्थिति मे सेवावालों मे समर्पण के भाव कैसे आयेंगे ? ●मन्दिर के प्रसाद जनता को वितरित कराने के स्थान पर मुनाफा कमाकर बेचा जा रहा है ! ●सेवा का पद तोलमोल के दिया जाता है तो हम उनसे सेवा की उम्मीद कैसे करें ? ●जब संचालन करने वाले (बोर्ड मैम्बर्स, अधिकारी व अध्यक्ष) स्वयं पूर्णरूप से पुष्टिमार्गीय वैष्णव ही नहीं है तो श्रीनाथजी की सेवा पुष्टि भावनाओं से कैसे होगी ? ●जब सभी का उद्देश्य व मापदंड ही आर्थिक है तो सेवा भावना कैसे होगी ? कोरानाकाल मे श्रीजी के नित्य भोग मे कटौती इसका अकाट्य प्रमाण है ! ■■पुष्टिमार्ग के अनुसार श्रीनाथजी की सेवा व भावना प्रधान परम्पराओं से कार्य होना चाहिए !■■ हिन्दू जाग गया :: बृजवासी जाग गया सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #16/05/2021 #dineshapna ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ ★नाथद्वारा मन्दिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त हो !★ ●नाथद्वारा मन्दिर की स्थिति छ: दशकों से दिन प्रतिदिन ठीक नहीं चल रही है :- ३- मन्दिर की जमीनों को बेचा जा रहा है या लूटा जा रहा है ! ••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• बृजवासीयो ने बृज मे अपनी सम्पत्ति छोड़कर 350 वर्ष पूर्व श्रीनाथजी के साथ आये तथा श्रीनाथजी व उनकी सम्पत्ति की रक्षा कर रहे है किन्तु 1959 से यह जिम्मेदारी बोर्ड सदस्यों ने ली । बोर्ड सदस्य सम्पत्ति की रक्षा करने मे असफल रह रहे है ! क्योंकि 1959 से अभी तक श्रीनाथजी की जमीनों को सरकार व अन्य द्वारा हथियाने के बावजूद चुप है ! ●नाथद्वारा मे बड़ा मगरा, कच्छवाई, लालबाग व उदयपुर मे हिरण मगरी व भीलवाड़ा की जमीने हाथ से निकल गई ! ●बृज मे गोकुल, कोटा, सूरत, मुम्बई आदि की जमीने हाथ से निकल रही है या नाममात्र की आय हो रही है ! ●श्रीनाथजी की जमीनों को नुकसान सरकार स्वयं पहुँचा रही है और जिम्मेदार मन्दिर अधिकारी चुप है ! तो इनके विरुद्ध कार्यवाही क्यों नहीं हो ? ●श्रीनाथजी की जमीनों की रक्षा करने मे बोर्ड मैम्बर्स, अध्यक्ष व अधिकारी असमर्थ रह रहे है ! तो इसके लिए कुछ करना होगा ? बृजवासियों को 350 वर्ष पूर्व श्रीनाथजी की रक्षा का संकल्प याद कर, अमल मे लाना होगा ! अपना अधिकार स्वयं लेना होगा ! हिन्दू जाग गया :: बृजवासी जाग गया सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #17/05/2021 #dineshapna ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ ★नाथद्वारा मन्दिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त हो !★ ●नाथद्वारा मन्दिर की स्थिति छ: दशकों से दिन प्रतिदिन ठीक नहीं चल रही है :- ४- मन्दिर के धन का दुरुपयोग कर अनावश्यक निर्माण किया जा रहा है ! ••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• नाथद्वारा मन्दिर मण्डल के द्वारा कई अच्छे व मजबूत निर्माण को तोड़कर, पुनः उसी प्रकार का नया निर्माण कराकर धन का दुरुपयोग किया जा रहा है, क्योंकि निर्माणकर्ता (बोर्ड मैम्बर्स, अध्यक्ष व अधिकारी) मे पुष्टिमार्ग अनुसार "समर्पण" के स्थान पर "स्व अर्पण" भाव प्रधान है ! ●पायगा काटेज को तोड़कर, पुन: वल्लभ विलास का निर्माण किया, जो सफेद हाथी साबित हो रहा है ! ●बड़ा बाजार दो मंजिला स्कूल को तोड़कर, पुनः दो मंजिला स्कूल बनाना, क्या यह धन का दुरुपयोग नहीं है ? ●मन्दिर द्वारा होटल व धर्मशाला का बिना पार्किंग के निर्माण करना, क्या यह सुविधाजनक व धन का सदुपयोग है ? ●लालबाग के पुराने निर्माण को तोड़कर, पुनः निर्माण करना क्या है ? नवनिर्माण आमजन की सुविधा व धन के सदुपयोग के साथ हो, न की अपनी मनमर्जी से नियम विरुद्ध निर्माण हो ! हिन्दू जाग गया :: बृजवासी जाग गया सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #18/05/2021 #dineshapna ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ ★नाथद्वारा मन्दिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त हो !★ ●नाथद्वारा मन्दिर की स्थिति छ: दशकों से दिन प्रतिदिन ठीक नहीं चल रही है :- ५- मन्दिर के प्रसाद की गुणवत्ता घटाई जा रही है ! ••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• पुष्टिमार्ग व श्रीवल्लभाचार्य जी के अनुसार वैष्णव को सर्वश्रेष्ठ भोजन श्रीनाथजी के भोग लगाना चाहिए तथा उस भोग को हमें प्रसाद के रुप मे ग्रहण करना चाहिए, परन्तु वर्तमान मे ऐसा नहीं हो रहा है ! क्योंकि जो कच्ची सामग्री खरीदी जा रही है वह उच्च गुणवत्ता पूर्ण नहीं है ! ●श्रीनाथजी का प्रसाद पूर्व मे जैसा मिलता था, वैसा आजकल नहीं मिल रहा है क्यों ? ●पूर्व मे कच्ची सामग्री - घी व अन्य, जो काम मे ली जाती थी उसके मुकाबले वर्तमान मे उतनी गुणवत्ता पूर्ण नहीं है, जबकि यह कार्य बोर्ड सदस्य व अधिकारी कर रहे है ! ●पूर्व मे जो प्रसाद की मात्रा व गुणवत्ता थी, जो वर्तमान मे नहीं है क्यों ? ●पूर्व मे सामग्रियों का निर्माण "समर्पण भाव" से सही तरीके व मात्रा के द्वारा किया जाता था, किन्तु आजकल सभी कार्य "व्यापारिक भाव" से किये जाते है ! इस सभी की जिम्मेदारी महाराजश्री की है, यदि वह यह जिम्मेदारी उठाने मे असमर्थ है तो उन्हें यह जिम्मेदारी एक बृजवासी को देनी चाहिए ! हिन्दू जाग गया :: बृजवासी जाग गया सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #19/05/2021 #dineshapna ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ ★नाथद्वारा मन्दिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त हो ★ ●नाथद्वारा मन्दिर की स्थिति छ: दशकों से दिन प्रतिदिन ठीक नहीं चल रही है :- ६- मन्दिर मे गैर वैष्णवों का हस्तक्षेप व अधिकार बढ़ रहा है ! ••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• पुष्टिमार्ग व श्रीवल्लभाचार्य जी के अनुसार श्रीनाथजी के सेवा वहीं व्यक्ति करे जिसमें वैष्णव के गुण हो ! अर्थात् ब्रह्म सम्बंध ले, पुष्टिमार्ग को माने व अपनाये, श्रीनाथजी के प्रति पूर्ण समर्पण भाव हो, केवल श्रीनाथजी का आश्रय ले ! किन्तु वर्तमान मे उच्च पदों पर आसीन ज्यादातर लोग वैष्णव नहीं है ! तो भी श्रीनाथजी मन्दिर व मण्डल मे सेवाएं दे रहे है ! ●क्या मन्दिर मे कार्यरत अधिकारी वैष्णव है ? ●क्या मन्दिर मण्डल द्वारा नियुक्त ठेकेदार, उनके कर्मचारी व आँडिटर वैष्णव है ? ●क्या सभी बोर्ड मैम्बर्स व अध्यक्ष वैष्णव है ? ●क्या नाथद्वारा मन्दिर मण्डल के सभी अधिकारी व कर्मचारी वैष्णव है ? यदि ऐसा नहीं है तो पुष्टिमार्ग के अनुसार कार्य हो, उसकी जिम्मेदारी महाराजश्री की है ! कोई श्रीनाथजी के सेवा की जिम्मेदारी नहीं उठा सकता है, तो एक बृजवासी तैयार है ! हिन्दू जाग गया :: बृजवासी जाग गया सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #20/05/2021 #dineshapna ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ ★नाथद्वारा मन्दिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त हो !★ ●नाथद्वारा मन्दिर की स्थिति छ: दशकों से दिन प्रतिदिन ठीक नहीं चल रही है :- ७- बृजवासियों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है ! ••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• सर्वप्रथम सन् 1409 (वि.सं. १४६६) मे श्रीनाथजी के प्राकृट्य का अनुभव बृजवासियों को हुआ, उसके बाद सन् 1478 (वि.सं. १५३५) मे श्रीनाथजी के दर्शन श्रीसद्दू पाण्डे को हुए व श्रीनाथजी स्वयं ने सेवा की आज्ञा दी ! उसके बाद 97 वर्षों तक केवल बृजवासियों ने ही सेवा की ! इसलिए किसी को भी अधिकार नहीं है कि बृजवासियों को श्रीनाथजी की किसी भी प्रकार की सेवा करने से रोके ! इसके बावजूद भी वल्लभ कुल द्वारा रोका जा रहा है, जो गलत व श्रीनाथजी की आज्ञा के विरुद्ध है ! ●बृजवासियों को नाथद्वारा मन्दिर मण्डल मे सदस्य नहीं बनाया गया ! ●मन्दिर अधिकारी के पद पर बृजवासियों के स्थान पर अन्य को लगा रखा है ! ●श्रीनाथजी की निज सेवा मे बृजवासियों के स्थान पर अन्य लोगों को लगा रखा है ! ●बृजवासियों को सम्पूर्ण सेवा व सुरक्षा के अधिकार होते हुए भी उसके स्थान पर केवल नाममात्र की सेवा करने दी जा रही है ! जिनको केवल सेवा पूजा करने, दर्शन करने व दर्शन कराने, पुष्टिज्ञान का प्रचार प्रसार करने मात्र का अधिकार है, वह बोर्ड के सदस्य बनने के साथ बृजवासियों के अधिकारो का हनन कर रहे है, सो गलत है ! हिन्दू जाग गया :: बृजवासी जाग गया सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #21/05/2021 #dineshapna ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ ★नाथद्वारा मन्दिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त हो !★ ●नाथद्वारा मन्दिर की स्थिति छ: दशकों से दिन प्रतिदिन ठीक नहीं चल रही है :- ८- पुष्टिमार्ग की परम्पराओं को तोड़ा या बदला जा रहा है ! ••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• किसी भी धर्म की मौलिकता व सार्थकता तब तक है जब तक उसकी परम्पराओं को मौलिक रुप मे बनाई रखी जाये ! किन्तु नाथद्वारा मे पुष्टिमार्ग की परम्पराओं को तोड़ा व बदला जा रहा है ! क्योंकि सत्ताधीश को स्वार्थ या धन के प्रति अति प्रेम हो गया है, जो गलत है ! ●नाथद्वारा मन्दिर की निजसेवा ब्राह्मण धर्म का पालन करने वालों के द्वारा ही करनी चाहिए, जो ब्रह्मसंबंध, जनेऊ, चोटी, तिलक, समर्पण भाव को रखे ! किन्तु मन्दिर मे ऐसा नहीं हो रहा है ! ●नाथद्वारा मन्दिर मे प्रसाद निर्माण पारम्परिक तरीकों से नहीं हो रहा है जैसे - गैस, मोटर की चक्की, पानी की मोटर व अन्य का प्रयोग ! जबकि जगन्नाथपुरी मन्दिर मे आज भी उसी परम्परागत तरीको से प्रसाद बनता भी है व बँटता भी है ! ●श्रीनाथजी की निजसेवा का प्रथम अधिकार बृजवासियों का था किन्तु वर्तमान मे उनका अधिकार केवल परचना विभाग तक सीमित कर दिया, जो गलत है ! ●श्रीनाथजी मन्दिर मे श्रीकृष्ण भण्डार का अधिकारी बृजवासी बनने की परम्परा व अधिकार है किन्तु वर्तमान मे अन्य को बना दिया, जो गलत है ! इन सभी परम्पराओं के टूटने व बदलाव का कारण मठाधीश का स्वार्थ व मनमानी है व इसमे बृजवासियों का दोष केवल यह है कि श्रीनाथजी के प्रति अति समर्पण भाव, जिसके कारण "मुख्य पुजारी" को अति सम्मान देकर "मठाधीश" बना दिया ! जबकि मठाधीश श्रीनाथजी व उनके सखा के सेवक मात्र ही है ! हिन्दू जाग गया :: बृजवासी जाग गया सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #22/05/2021 #dineshapna










 

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