Saturday 22 May 2021

★नाथद्वारा मन्दिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त हो !★ ●नाथद्वारा मन्दिर की स्थिति छ: दशकों से दिन प्रतिदिन ठीक नहीं चल रही है :- ८- पुष्टिमार्ग की परम्पराओं को तोड़ा या बदला जा रहा है ! ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ किसी भी धर्म की मौलिकता व सार्थकता तब तक है जब तक उसकी परम्पराओं को मौलिक रुप मे बनाई रखी जाये ! किन्तु नाथद्वारा मे पुष्टिमार्ग की परम्पराओं को तोड़ा व बदला जा रहा है ! क्योंकि सत्ताधीश को स्वार्थ या धन के प्रति अति प्रेम हो गया है, जो गलत है ! ●नाथद्वारा मन्दिर की निजसेवा ब्राह्मण धर्म का पालन करने वालों के द्वारा ही करनी चाहिए, जो ब्रह्मसंबंध, जनेऊ, चोटी, तिलक, समर्पण भाव को रखे ! किन्तु मन्दिर मे ऐसा नहीं हो रहा है ! ●नाथद्वारा मन्दिर मे प्रसाद निर्माण पारम्परिक तरीकों से नहीं हो रहा है जैसे - गैस, मोटर की चक्की, पानी की मोटर व अन्य का प्रयोग ! जबकि जगन्नाथपुरी मन्दिर मे आज भी उसी परम्परागत तरीको से प्रसाद बनता भी है व बँटता भी है ! ●श्रीनाथजी की निजसेवा का प्रथम अधिकार बृजवासियों का था किन्तु वर्तमान मे उनका अधिकार केवल परचना विभाग तक सीमित कर दिया, जो गलत है ! ●श्रीनाथजी मन्दिर मे श्रीकृष्ण भण्डार का अधिकारी बृजवासी बनने की परम्परा व अधिकार है किन्तु वर्तमान मे अन्य को बना दिया, जो गलत है ! इन सभी परम्पराओं के टूटने व बदलाव का कारण मठाधीश का स्वार्थ व मनमानी है व इसमे बृजवासियों का दोष केवल यह है कि श्रीनाथजी के प्रति अति समर्पण भाव, जिसके कारण "मुख्य पुजारी" को अति सम्मान देकर "मठाधीश" बना दिया ! जबकि मठाधीश श्रीनाथजी व उनके सखा के सेवक मात्र ही है ! हिन्दू जाग गया :: बृजवासी जाग गया सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #22/05/2021 #dineshapna












 

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