Monday 31 May 2021

★★नाथद्वारा मन्दिर मे श्रीनाथजी की आज्ञा की पालना क्यों नहीं ?★★ ■बृजवासी (सनाढ्य ब्राह्मण) को श्रीनाथजी की निज सेवा से दूर क्यों किया जा रहा है ?■ (१)श्रीसद्दू पाण्डे जी (सनाढ्य ब्राह्मण) व श्रीवल्लभाचार्य जी (तैलंग ब्राह्मण) दोनों को सेवा की "श्रीनाथजी की साक्षात् आज्ञा" हुई ! तो दोनों को श्रीनाथजी की सेवा व सुरक्षा का समान अधिकार है ! (२)उसके बाद वल्लभ कुल ने निज सेवा व सुरक्षा के अधिकारो से सनाढ्य ब्राह्मण को दूर कर दिया ! इससे भी आगे बृजवासियों को सुरक्षा (बोर्ड मैम्बर्स) के कार्य से भी वंचित कर दिया, जो सर्वथा गलत है ! (३)इस प्रकार वल्लभ कुल श्रीनाथजी की निज सेवा का अधिकार केवल द्रविड़ ब्राह्मणों (तैलंग, सांचिहर, औदिच्य व गिरनारा) तक सिमित करना व सुरक्षा का कार्य केवल अपने चहेते व्यक्तियों (बोर्ड मैम्बर्स) को ही देना, सही नहीं है ! (४)पुष्टि ज्ञान, पुष्टि परम्पराओं के निर्वहन हेतु वैलनाडू महासभा, ज्ञान हेतु उपाध्याय, गुरु व विद्धानों की व्यवस्था थी, जिनकी उपस्थिति को समाप्त प्रायः करना, सही नहीं है ! "ज्ञान का बुद्धि पर नियंत्रण विवेकपूर्ण निर्णय हेतु आवश्यक है !" (५)नाथद्वारा मन्दिर मे महाराजश्री केवल पुजारियों के मुखिया (Head of Priest) है ! इसलिए एक पुष्टि मार्ग के विद्धान ब्राह्मणों की महासभा बनानी चाहिए जो सही मार्गदर्शन दे, पुष्टि परम्पराओं का संरक्षण करें व पुष्टि ज्ञान का प्रचार प्रसार करें ! (६)सनाढ्य ब्राह्मण को श्रीनाथजी की निजी सेवा करने के अधिकार को वापस लौटाये व सुरक्षा का अधिकार बृजवासियों को लौटाकर, उन्हें बोर्ड मैम्बर्स बनाये ! (७)पुष्टि मार्ग की कला व विधाओ (हवेली संगीत, कीर्तन, चित्रकला, ज्ञान, संस्कृत व संस्कृति) को आगे बढ़ाने हेतु समुचित प्रयास करें व उसके लिए गौड़ व द्रविड़ ब्राह्मणों का सहयोग ले ! (८)श्रीनाथजी मन्दिर मे दर्शन, सेवा व प्रसाद व्यवस्था सुधारने, परम्पराओं को बचाने, धन व सम्पत्ति के दुरुपयोग को रोकने के लिए श्रीकृष्ण भण्डारी, वित्त विभाग, आँडिट व बोर्ड सदस्यों मे बृजवासियों की उपस्थिति अनिवार्य रुप से सुनिश्चित की जानी चाहिए ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #01/06/2021 # dineshapna














 

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