Saturday 15 May 2021

★नाथद्वारा मन्दिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त हो !★ ●नाथद्वारा मन्दिर की स्थिति छ: दशकों से दिन प्रतिदिन ठीक नहीं चल रही है :- २- मन्दिर मे सेवा व भावनाओं के स्थान पर व्यापार हो रहा है ! ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ पुष्टिमार्ग के अनुसार नाथद्वारा मन्दिर मे पूजा सेवा व समर्पण के साथ की जाती है तथा पुष्टिमार्ग मे श्रीनाथजी की सेवा बाल भाव व निस्वार्थ भाव से की जाती है किन्तु वर्तमान मे सेवा व समर्पण भाव का स्थान प्रतिफल प्राप्ति से भी ज्यादा इसको पूर्णरुप से लाभार्जन हेतु व्यापार बना दिया है ! क्योंकि ज्यादातर बोर्ड मैम्बर्स व्यापारी है तथा शेष की सोच व्यापारिक है, अधिकारी की सोच लाभ दर्शाने की है व बोर्ड अध्यक्ष तो केवल लक्ष्मी के दास मात्र है ! ऐसी स्थिति मे सेवावालों मे समर्पण के भाव कैसे आयेंगे ? ●मन्दिर के प्रसाद जनता को वितरित कराने के स्थान पर मुनाफा कमाकर बेचा जा रहा है ! ●सेवा का पद तोलमोल के दिया जाता है तो हम उनसे सेवा की उम्मीद कैसे करें ? ●जब संचालन करने वाले (बोर्ड मैम्बर्स, अधिकारी व अध्यक्ष) स्वयं पूर्णरूप से पुष्टिमार्गीय वैष्णव ही नहीं है तो श्रीनाथजी की सेवा पुष्टि भावनाओं से कैसे होगी ? ●जब सभी का उद्देश्य व मापदंड ही आर्थिक है तो सेवा भावना कैसे होगी ? कोरानाकाल मे श्रीजी के नित्य भोग मे कटौती इसका अकाट्य प्रमाण है ! ■■पुष्टिमार्ग के अनुसार श्रीनाथजी की सेवा व भावना प्रधान परम्पराओं से कार्य होना चाहिए !■■ हिन्दू जाग गया :: बृजवासी जाग गया सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #16/05/2021 #dineshapna





 

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