Tuesday 8 June 2021

★श्रीकृष्ण की सुनो ! श्रीनाथजी की मानो !★ ■बृजवासियों कुछ सोचो ! समझो ! उठो ! धर्म युद्ध करो ! श्रीनाथजी की आज्ञा की पालना करो ! सखा धर्म निभाओ !■ ■आओ ! नाथद्वारा मन्दिर को बचाओ ! घर मे थोडा विरोध करे, ताकि बड़े नुकसान से बचे !■ (१)श्रीनाथजी के द्वारा बृजवासियों को की गई साक्षात् आज्ञा को नहीं मानना "अन्याय/अधर्म" है । यदि इसके विरुद्ध आवाज नहीं उठाई, तो हमारे "धर्म व मन्दिर को नुकसान" होगा । यह शास्वत सत्य है । (२)जैसे हमने 70 - 80 वर्षों से उक्त अन्याय/अधर्म के लिए "आवाज नहीं उठाई", तो मन्दिर को नुकसान होने लगा । तब मन्दिर की सम्पत्तियों को बचाने के लिए सरकार को 1959 मे "नाथद्वारा मन्दिर मण्डल का गठन" करना पडा । (३)नाथद्वारा मन्दिर मण्डल के गठन के बाद भी श्रीनाथजी की "साक्षात् आज्ञा की पालना नहीं" होने से मन्दिर को नुकसान/लूट मे कमी होने के बजाय "नुकसान/लूट के साथ अनावश्यक खर्चा भी बढ़ा" है । (४)नाथद्वारा मन्दिर को जो नुकसान/लूट हो रही है उसका मुख्य कारण "श्रीनाथजी की साक्षात् आज्ञा नहीं मानते" हुए "निरंकुश राजा" बनना तथा अपने कृत्यों को छुपाने के लिए अपने जैसे व्यक्तियों को आसपास व बोर्ड मे स्थान देना ! (५)श्रीनाथजी के सेवक को सेवक बनकर ही रहना चाहिए, न कि "राजा बनने का दुस्साहस" करना चाहिए । बृजवासियों को भी "मूक सेवक" बनने के बजाय "सजग व केवल श्रीनाथजी के प्रति समर्पित सेवक" बनना चाहिए । सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी (केवल श्रीनाथजी के लिए समर्पित सेवक) #08/06/2021 #dineshapna



 

No comments:

Post a Comment